यदि खेत की नहीं हो पहचान तो करायें सीमा ज्ञान .-सैनी
एक किसान संगोष्ठी में बोलते हुए पूर्व तहसीलदार मंगल चंद सैनी ने बताया कि खेत की मेड़ों पर आए दिन झगडे, यहां तक कि खून खराबा भी हो जाता है इन विवादों से बचने का एकमात्र तरीका यह है कि अपने खेत की सीमा का ज्ञान कर लिया जावे। सीमा ज्ञान दो तरह से कराया जा सकता है-
1.तहसीलदार के कार्यालय से - यदि समस्त सहखातेदार सहमत हैं तो सीमा ज्ञान हेतु नियत प्रपत्र के समस्त कालम पूर्ण कर जमाबंदी में दर्ज समस्त सहखातेदारों के हस्ताक्षर सहित किसी भी ईमित्र के यहां आवेदन किया जा सकता है, आवेदन पत्र तहसीलदार के यहां व्यक्तिश: भी दिया जा सकता है। तहसीलदार पटवारी हल्का से भूमि मौके पर खाली होने व किसी न्यायालय में स्थगन आदेश नहीं होने की सूचना मंगाएगा तत्पश्चात एक महीने के अंदर सीमा ज्ञान कर रिपोर्ट करने हेतु पटवारी / गिरदावर को आदेश दिया जाएगा।पूर्व में सीमा ज्ञान हेतु राज्य कोष में राशि जमा करनी होती थी किंतु गत वर्ष से यह कार्य निशुल्क करने के आदेश किये जा चुके हैं।
पटवारी/ गिरदावर या अन्य राजस्व अधिकारी पड़ोसी खातेदारों को नोटिस देकर सीमा ज्ञान के समय मौके पर उपस्थित रहने हेतु सूचित करेगा। सीमा ज्ञान की कार्यवाही का पूर्ण विवरण मौका रिपोर्ट में तैयार करेगा यदि किसी पड़ोसी द्वारा भूमि दबाई हुई है तो उसका पूर्ण विवरण अंकित किया जावेगा। मौका विवरण में यह भी अंकित किया जाएगा कि अमुक सीमा से अमुक सीमा तक क्या नाप आया और क्या नाप आना चाहिए था। संपूर्ण रिपोर्ट तैयार करने के बाद पड़ोसियों, आवेदकों व अन्य उपस्थित के हस्ताक्षर कराए जाएंगे। एक मेड पर कम से कम तीन सीमा चिन्ह बनाए जाएंगे यदि कोई हस्ताक्षर करने से मन करे तो उसका उल्लेख किया जाएगा। सीमा ज्ञान रिपोर्ट प्राप्त होने पर तहसीलदार पत्थरगड्डी करने की अनुज्ञा देगा। यदि भूमि दबी हुई पाई जाती है और दबी हुई भूमि पर कब्जा छोड़ने से मना किया जाता है तो उपखंड अधिकारी के न्यायालय में बेदखली का वाद लाया जावेगा।
2.उपखंड अधिकारी के न्यायालय में - यदि सह खातेदारों में से कोई खातेदार सीमा ज्ञान कराने पर सहमत नहीं है तो राजस्थान भू राजस्व अधिनियम की धारा 128 में भी सीमा ज्ञान/पत्थरगड्डी का प्रावधान किया हुआ है। उपखंड अधिकारी के न्यायालय में आवेदन/दावा करना होगा। सह खातेदारों को सुनवाई का अवसर देकर निर्णय पारित किया जाएगा।निर्णय की पालना करने हेतु तहसीलदार को एक प्रति भेजी जाएगी जिसके आधार पर तहसीलदार मौके पर सीमा ज्ञान/ पत्थरगड्डी कराएगा। यदि मौके पर शांति भंग होने की संभावना हो तो पुलिस की मदद ली जाएगी।
- सुमेर सिंह राव