लाइफ लाइन साबित हो रहा है सुपर एक्सप्रेस-वे,भागदौड़ की जिंदगी में आसान हुआ सुपर का सफर
राजगढ़ (अलवर)
अलवर-करौली नेशनल हाइवे सहित अलवर-भरतपुर मेगा हाइवे सडक मार्ग के दिल्ली-मुंबई सुपर एक्सप्रेस से जुड़ जाने के बाद जहां मुसाफिरों की भागदौड़ की जिंदगी का सफर आसान हुआ है। वहीं महानगरों की कनिक्टीविटी से व्यवसायी जुड़ाव को रफ्तार मिली है। आर्थिक रूप से पिछड़े इलाकों से होकर निकल रहे सुपर एक्सप्रेस लोगों के लिए वरदान सिद्ध होता जा रहा है। यहां औद्योगिक इकाइयों के विकसित होने के साथ ही लोग रोजगार के बढ़ते आयाम और विकास की ओर रूख करने लगे हैं। आधुनिक सुविधाओं से ओतप्रोत एक्सप्रेस वे के रेस्ट एरिया बनाए जाने पर यहाँ संचालित हुए पेट्रोल पंप,मॉटेल,रेस्टोरेंट्स,दुकानें,बच्चों के खेलने के लिए फन पार्क और झूले आदि से क्षेत्र के हजारों बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलने लगा है। इसके अतिरिक्त क्षेत्र के किसानों तथा दुग्ध उत्पादन करने वाले लोगों को भी इसका लाभ मिल रहा हैं। क्षेत्र के लोग अपने फल,सब्जी और दूध को अन्य राज्यों में बेचने ले जा रहे है,जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। दिल्ली में नौकरी करने वाले देहाती लोगों को एक्सप्रेस वे का सफर खूब पसंद आया। जहां कर्मचारी दिल्ली कमरा लेकर नौकरी करता था वो ही आज प्रतिदिन सुबह घर से निकल कर शाम को घर वापिस लोट आता है।
प्रतिदिन सफर कर रहे रेडियंस इंफ़्रा प्राइवेट कंपनी के चेयरमैन नीतेश जाँगिड व गजेन्द्र सिंह जादौन ने बताया कि एक्सप्रेस वे का सफर करने से जहां एक ओर लोगों का सफर आसान हो रहा है,वहीं पैट्रोल डीजल की भी बचत के साथ ही समय की बचत हो रही है,वाहन फर्राटे से दौड़ रहे है। उन्होंने कहा कि समय ही धन है,गति से समय बच रहा है। वाहनों की मेंटेनेंस का भी कोई ज्यादा डर नहीं है। विशेष बात यह है कि इस एक्सप्रेस वे से किसान अपनी सब्जी,दूध एवं अन्य फसलों को आसानी से दिल्ली एवं अन्य महानगरों में बेचकर काफी लाभ कमा रहे है।
पिनान में किसानों की ज़मीन बन गई सोना:- क्षेत्र के किसानों का कहना है कि दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे से पूर्व में यहाँ ज़मीन का भाव 15-20 लाख रुपए बीघा होता था। दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे बनने से ज़मीन का भाव 60-80 लाख रुपए बीघा हो गया है। एक्सप्रेस वे के पास के किसानों की जमीन सोना उगल रही है। दिल्ली के बड़े उद्योगपति पिनान में उद्योग स्थापित करने के लिए ज़मीन तरासने लगे है।
एक्सप्रेस वे के उतार-चढ़ाव के पास हरियाणा दिल्ली से आ रहे राहगीरों के लिए होटल व ढाबो से लोगो ने निजी रोजगार शुरू किया है। एक्सप्रेस वे से बाहर जाकर रोजगार कमा रहे युवा वापस आपने गाँव आकर रोजगार कर रहे है।
- अनिल गुप्ता