भारतीय नववर्ष पर पलाश के पेड़ो पर देखने को मिला प्रकृति का खूबसूरत नजारा
आसींद (भीलवाडा, राजस्थान/ रूपलाल प्रजापति) जिले के रायला क्षेत्र खारड़ा आसन्न के पीछे जंगल मे पलाश के वृक्ष है जिसके फूल बहुत ही आकर्षक व राहगीरों को भाहे रहे है । इसके आकर्षक फूलों के कारण इसे "जंगल की आग" भी कहा जाता है। ये पलाश का फूल उत्तर प्रदेश और झारखण्ड का राज्य पुष्प है और इसको 'भारतीय डाकतार विभाग' द्वारा डाक टिकट पर प्रकाशित कर सम्मानित किया जा चुका है। प्राचीन काल से ही होली के रंग इसके फूलो से तैयार किये जाते रहे है ।
रायला क्षेत्र में भारतीय नव वर्ष के उपलक्ष्य पर पलाश के फूल का खूबसूरत नजारा देखने को मिला प्रकृति ने मानव जीवन को कई उपहार दिए है। पलाश का पेड़ एक ऐसा ही उपहार है, जो जीवन को न केवल स्वस्थ बनाता है, बल्कि अपने मोहक रंगों से उत्साह, उमंग और हमेशा आनंद में रहने की प्रेरणा भी देता है। इस पेड़ को उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य पुष्प का सम्मान दिया है। भारत सरकार ने इस पर डाक टिकट जारी किया है। पलाश एक ऐसा पेड़ है जिसकी जड़, तना, छाल, पत्ते, फूल, बीज, गीला, सूखा हर तरीके से मानव जीवन के लिए उपयोगी है। इस पेड़ को विभिन्न नामों से जाना जाता है- खाखरा ,पलाश, ढाक, टेसू, केशु आदि।