रसगन में आयोजित किसान पंचायत में गूंजी आवाज -रीको नही चंबल का पानी दो
नौगावा (अलवर,राजस्थान/ विपिन मेंदीरत्ता) नौगांवा तहसील की ग्राम पंचायत रसगन में भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के किसानों की बैठक हुई जिसमें रीको औद्योगिक क्षेत्र और ईआरसीपी को लेकर चर्चा हुई। भा.कि.यू प्रभारी विरेंद्र मोर ने कहा की ईआरसीपी प्रोजेक्ट के अंतर्गत जो चंबल का पानी किसानों को दिया जाना था डीपीआर में वह पानी रीको औद्योगिक क्षेत्र को दिया जाना प्रस्तावित है। इस संदर्भ में क्षेत्र के किसान पहले भी रीको औद्योगिक क्षेत्र के खिलाफ विरोध जता चुके हैं, सरकार ने रीको के लिए जो गोचर और गैर मुमकिन पहाड़ की जमीन आवंटित की थी उसमें राजस्थान हाई कोर्ट ने रीको के अप्रूवल पर रोक लगा दी है, और क्षेत्र के किसान भी रीको के विरोध में जल्द कोर्ट का रुख करेंगे।
इस दौरान मौलाना हनीफ खान ने कहा की क्षेत्र में छोटे काश्तकार रहते है जीन का गुजारा गाय भैंस भेड़ बकरी पालन करके होता है। अगर यह गोचर और गैर मुमकिन पहाड़ की जमीन पर रीको स्थापित हुई तो छोटे किसान खत्म हो जाएंगे ,जल स्तर नीचे जा रहा है
आज किसान को सिचाई के लिए पानी की जरूरत है इसलिए सरकार जल्द से जल्द ईआरसीपी परिजोयना से क्षेत्र के छूटे नदी नाले बांधो को जोड़कर जल्दी से जल्दी चंबल का नहरी पानी राजस्थान के 13 जिलों के किसानों तक पहुंचाए।
इन्ही मांगो को लेकर शनिवार को कृषि महाविद्यालय के भूमि पूजन में आए मुख्य अतिथि पूर्व केन्द्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह,मंत्री टीकाराम जूली और मेवात विकास बोर्ड अध्यक्ष जुबेर खान को ज्ञापन सौंप योजना को शीघ्र शुरू कराने की मांग का ज्ञापन दिया गया था। किसान पंचायत के दौरान सरपंच हबीबुल्ला,सरपंच दरबार सिंह , आस मोहम्मद, हरमीत सिंह , अमरजीत मान,तरुण,आमीन, सहित सैकड़ों किसान मौजूद रहे।