22 दिन बाद तहसीलदार लालाराम समेत पांच को मिली जमानत
भीलवाड़ा (राजस्थान/ बृजेश शर्मा) तीन लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में 22 दिन पूर्व जेल भेजे गए तहसीलदार लालाराम यादव समेत पांच जनों की जमानत मंजूर हो गई है। राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर ने जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए है। जयपुर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने 22 दिन पूर्व पांचों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था।
सूत्रों के मुताबिक 18 जनवरी को जयपुर में एसीबी के एएसपी राजेन्द्र नैन के नेतृत्व में भीलवाड़ा में कार्रवाई हुई थी। सीक्रेट शिकायत मिली थी कि जमीन का मामला निपटाने के लिए भीलवाड़ा तहसीलदार यादव दलाल के जरिये रिश्वत ले रहा है। ऐसे में यादव को केन्द्रित किया गया। जानकारी में सामने आया कि गांधीनगर निवासी दीपक चौधरी ने जमीनी मामले को निपटाने के लिए तीन लाख रुपए की रिश्वत की राशि यादव के भाई पूरणमल यादव के खाते में चेक से डलवाई। एसीबी ने यादव के खिलाफ रिश्वत का मामला दर्ज किया था। उसके बाद एएसपी नैन के नेतृत्व में चार टीम बनाई गई। एक टीम ने लालाराम के भीलवाड़ा में कमला विहार में किराए के मकान में दबिश दी। वहां लालाराम मिल गया। उसके घर से 5 लाख 37 हजार रुपए नकद तथा कुछ दस्तावेज मिले है। एसीबी ने सर्विलांस के जरिए सत्यापन कराया था। एसीबी न तहसीलदार लालाराम, उसका भाई पूरण, दलाल कैलाश धाकड़, उसका बेटा मनोज तथा रिश्वत देने का आरोपी दीपक चौधरी को भी गिरफ्तार किया था। 19 जनवरी को पांचों को जेल भेज दिया गया था। भीलवाड़ा में विशिष्ठ अदालत (भ्रष्टाचार निरोधक मामलात) ने पांचों की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर में जमानत अर्जी लगाई गई थी। जोधपुर उच्च न्यायालय ने पांचों की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है।