सहकारी समिति व्यवस्थापक द्वारा फसल ऋणी काश्तकार की मृत्यु के उपरांत परिवार को किया जा रहा प्रताड़ित, जाने पूरा मामला
भीलवाड़ा (राजस्थान / बृजेश शर्मा) उपनगर पुर निवासी सुरेश कुमार आचार्य ने पुर सहकारी समिति के व्यवस्थापक लक्ष्मण जाट पर उसे व उसके परिवार को प्रताड़ित व जलील किए जाने का आरोप लगाते हुए उसकी जमीन बेचने का दबाव बनाने व आत्महत्या करने के लिए उकसाने के लिए सहकारी समिति के व्यवस्थापक के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने हेतु जिलाधीश महोदय, जिला पुलिस अधीक्षक भीलवाड़ा व रजिस्ट्रार सोसाइटी/समिति रजिस्ट्रार कार्यालय भीलवाड़ा, तथा प्रबंधक सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक भीलवाड़ा के नाम ज्ञापन दिया जा कर बताया गया कि उसके पिता मदनलाल आचार्य ने पूर्व सहकारी समिति से फसल ऋण लिया था जिसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं थी
इसके एक महीने बाद फसल सही नहीं होने वह आर्थिक स्थिति सही न होने के कारण टेंशन से पिता मदनलाल आचार्य की हार्टअटैक से मृत्यु हो गई जिसके उपरांत पिछले 10-15 दिन पूर्व समिति के व्यवस्थापक लक्ष्मण जाट द्वारा उसे व उसके परिवार को प्रताड़ित किया जा कर वह गाली गलौज को जलील किया जाकर ऋण चुकाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है उसने उसके परिवार की आर्थिक स्थिति नहीं होने की जानकारी उनको दी तथा लोन चुकाने के लिए समय मांगा लेकिन फिर भी समिति व्यवस्थापक द्वारा आए दिन उसको प्रताड़ित किया जा कर उसकी कृषि भूमि को बेचने के लिए दबाव बनाया जा रहा है तथा उसे जलील करते हुए मर कर भी पैसे लाने के उल्लाहने दिए जाकर आत्महत्या करने के लिए भी उकसाया जा रहा है
उसने बताया कि सरकारी नियमानुसार कृषि ऋण का समिति व सरकार द्वारा लोन बीमा किया जाता है जो सरकार व बीमा कंपनी द्वारा सभी काश्तकारों का पूर्व में बीमा नहीं किया गया इस वजह से उस पर लोन जमा कराने का दबाव बनाया जा रहा है जो गलत है क्योंकि बीमा नहीं होने पर समिति या सरकार द्वारा काश्तकारों को सूचित नहीं किया गया जिससे इसमें काश्तकारों की कोई गलती नहीं है अतः उसे न्याय दिलाते हुए उसे व उसके परिवार को प्रताड़ित करते हुए आत्महत्या के लिए उकसाने वाले के खिलाफ उचित कानूनी कार्यवाही की जावे तथा उसे उसके परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण मुख्यमंत्री ऋण माफी योजना के तहत लिया जाकर ऋण माफ करवाया जाए। उक्त बीमा नहीं होने के मामले में पूर्व में भी जयपुर के कुछ संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की गई थी ।
उक्त मामले में पुर संघर्ष सेवा समिति संगठन मंत्री रतनलाल आचार्य ने कहां है कि सरकार व समिति के उच्च अधिकारियों वे बीमा कंपनी की लापरवाही से पूरे राज्य में लाखों काश्तकारों के बीमा नहीं हो पाए जिससे काश्तकारों को नुकसान उठाना पड़ रहा है सरकार व समिति द्वारा हर बार ऋण बीमा उनके स्तर पर करवाया जाकर बीमा राशि काश्तकार के खाते से ऑनलाइन काटी जाती थी इस वजह से सभी काश्तकारों को बीमार नहीं होने की कोई जानकारी नहीं है अगर बीमा कंपनी व सरकार के बीच कुछ मतभेद थे बीमार नहीं हो पा रहे थे तो समिति व सरकार को सभी काश्तकारों को लिखित में सूचना देकर जिन बीमा किसी भी अन्य कंपनी से करवाने के लिए सूचित किया जाना चाहिए था इसापुर में और भी मामला है जिसमें लक्ष्मीपुरा निवासी बक्षु जाट के निधन पर उसके पुत्र पर दबाव बनाकर ऋण जमा करवाया गया जो गलत है सरकार को व सहकारिता मंत्री को इस और ध्यान दिया जा कर ऐसे ऋणी काश्तकारों की मृत्यु होने पर उनका ऋण माफ किया जाकर परिवार को राहत प्रदान की जाए