नवनिर्मित जैन तीर्थ पर अंजन शलाका महोत्सव होगा धूमधाम से वाराणसी सहित कई नगरियों एवं खण्डों का हुआ निर्माण
अंता (शफीक मंसूरी) - बारां नव निर्मित श्री जय त्रिभुवन विमल विहार तीर्थधाम पर आगामी 17 मई से 25 मई तक अंजनषलाका प्रतिष्ठा महामहोत्सव का आयोजन होेने जा रहा है जिसमें आचार्य भंगवतों सहित सम्पूर्ण भारत देश से बडी संख्या में जैन धर्मावलम्बी भाग लेंगे।
श्रीमती उर्मिला भाया ने बताया कि आज महाराजश्री द्वारा पूज्यपाद प्रेमसुरीष्वर जी महाराजा की 55वीं पुण्यतिथी के अवसर पर बताया कि महाराज साहब का मूल वतन मरूभूमि में पिंडवाडा नगर था। वे बचपन से धर्म, संस्कार एवं वैराग्य भाव से भरे हुए थे। केवल मात्र 17 साल की आयु में भागकर तथा जागकर सूरत 52 मील चलकर एवं पालीताणा पहुंच कर पूज्य दानसूरी महाराज के वरदहस्तों से संयम जीवन स्वीकार किया। काफी वर्षो तक मात्र दाल, रोटी दो द्रव्यों की एकासना एवं राग किए बिना वापरते थे। उन्होनंे हजारों कर्मग्रंथों का सर्जन किया। स्वंय के वर्तमान में 3000 से अधिक साधु-साध्वीजी भगवंत का विषाल समुदाय विद्यमान है। आचार विचार एवं उच्चारण से पवित्र पूज्य प्रेम सूरीष्वरजी महाराजा की 55वी पुण्यतिथि पर तीन महात्माओं का भगवती सूत्र योग में प्रवेषोत्सव प्रातः 7 बजे से प्रारंभ होगा।
महाराजश्री ने अपने व्याख्यान में कहा कि जिन शासन का सबसे बडा एवं प्रमुख ग्रंथ यानि भगवती सूत्र-1 इस महान ग्रंथ की प्राप्ति एवं ज्ञान हेतु एक किया जाने वाला अनुष्ठान यानि भगवती सूत्र योगोद्वहन है। इसमे 6 मास तक तप किया जाता है जिसमें अप्रमन्त होकर साधना, आराधना, उपासना करनी होती है। रात्रि में भी क्रिया करते हुए आचार, धर्म का सेवन एवं प्रतिदिन एक समय आहार ग्रहण करना होता है।
समाज के अध्यक्ष राजेन्द्र रंगावत एवं गौत्तम बोरडिया ने बताया कि आचार्य देवश्री वीररत्नसूरी जी महाराजा, आचार्य देवश्री पदमभूषण रत्नसूरीजी महाराजा, आचार्य देवश्री निपुणरत्नसूरी जी महाराजा आदि की शुभ निश्रा में कार्यक्रम का आयोजन होगा जिसमें मुनिश्री ऋषभरत्न विजय, मुनिश्री राजरत्न विजय, मुनिश्री निरागराज विजय इन तीनों मुनि भगवंतों का योग प्रारम्भ होगा तथा मेवाड देशोद्वारक आचार्य देव श्रीमद् विजय जितेन्द्र सूरीष्वर आराधना भवन के नाम का अनावरण भी इसी प्रसंग के पश्चात प्रमोद, उर्मिला, यष भाया परिवार द्वारा किया जाएगा।
श्रीमती भाया ने बताया कि 17 से 25 तारीख के जैन तीर्थ पर सम्पन्न होने जा रहे धार्मिक कार्यक्रमों के लिए वाराणसी नगर, सुधर्मा स्वामी नगरी, चंदनबाला नगरी, अतिथि नगर, भरत चक्रवर्ती भोजन खण्ड आदि का निर्माण करवाया गया है। तीर्थ परिसर में 40 प्रीमियम डीलक्स टेन्ट, रसोई घर 72ग250 फुट, स्टोर 72ग105 फुट, पुरूषों के लिए 72ग150 फुट तथा महिलाआंे के लिए 72ग120 फुट, भोजनषाला 2 साईज 90ग250 फुट जिसमें एक साथ 2000 से अधिक व्यक्ति भोजन कर सकेंगे, वीआईपी भोजनषाला 50ग100 फुट बहुमान हॉल 90ग120 फुट, प्रषासनिक भवन 90ग150 फुट, सभा मण्डप 130ग200 फुट जिसमें 2000 लोग बैठ सकते है, आदि परिसरों तैयार करवाए गए है।