बीएड कालेज प्रशासन पर संत्राको में कम नंबर भेजे जाने का आरोप: छात्र छात्राओं ने कस्बे में रैली निकाल कर किया विरोध प्रदर्शन
छात्र-छात्राएं और ग्रामीण पंचायत कर तय करेंगे आंदोलन की रणनीति
ड़ीग (भरतपुर, राजस्थान/ पदम जैन) ड़ीग के दो निजी बीएड कॉलेजो के प्रशासन द्वारा कथित रूप से पैसा नही देने वाले छात्रों को सत्रांक में कम नंबर देने और कई छात्र छात्राओं की उपस्थिति कम दर्ज करने और इसका विरोध करने पर दो छात्रों के खिलाफ झूँठा मुकदमा दर्ज कराने का आरोप लगाते हुए दोनों बीएड कालेजो के प्रबंधन के खिलाफ बीएड छात्र -छात्राओं ने शुक्रवार को ड़ीग कस्बे में रैली निकाल कर जमकर बिरोध प्रदर्शन किया ।
भरतपुर रोड़ स्थित एवं गोवर्धन रोड़ पर स्थित दोनों निजी बीएड कालेजो के छात्र - छात्राएं कस्बे के पुराना बस स्टैंड स्थित शहीद स्मारक पर एकत्रित हुए और वहा से कस्बे में रैली निकाल कर दोनों निजी बीएड कालेजो के प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जम कर विरोध प्रदर्शन किया।
विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्र छात्राओं का आरोप है कि दोनों ही निजी बीएड कालेजो के प्रशासन द्वारा उनसे सत्रांको में नंबर भेजने के लिए पैसे की मांग की गई और जिन छात्र-छात्राओं ने पैसे नहीं दिए उनके सत्रांको में कम नंबर भेजे गए जबकि उन छात्र छात्राओं के थ्योरी में अधिक नंबर आए हैं।बीएड छात्र-छात्राओं को कहना है कि गत पखवाड़े उनके द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन और ड़ीग - गोवर्धन मार्ग पर जाम लगाने के बाद जिला प्रशासन के निर्देश पर ब्रज यूनिवर्सिटी द्वारा प्रोफेसर सतीश त्रिगुणायत के नेतृत्व में एक जाँच दल बीएड कालेज भेजा था जिन्होंने इस मामले को लेकर छात्र छात्राओं से बात कर उनके अलग -अलग लिखित बयान लिए थे । उक्त जांच दल द्वारा अपनी जांच रिपार्ट विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंपे 10 दिन से अधिक समय हो चुका है। लेकिन ब्रज यूनिवर्सिटी द्वारा जांच रिपोर्ट पर अभी तक कोई कार्यवाही नही करते हुए उनके सत्रांको के नंबर अभी तक सही नही किये गए है। दूसरी ओर निजी बीएड कॉलेज के प्राचार्य प्रमोद कुमार सिंह का कहना है कि बी एड छात्र-छात्राओं द्वारा कालेज प्रबंधन पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद और मनगढ़ंत है। बृज विश्वविद्यालय की जांच टीम द्वारा इनकी जांच की जा चुकी है । ब्रज विश्वविद्यालय की कमेटी ही अब इस बारे में निर्णय लेने में सक्षम है कि क्या पृर्व में लिए गए प्रैक्टिकल निरस्त कर दोबारा छात्र छात्राओं के प्रैक्टिकल लिए जाने हैं या इन्हीं प्रैक्टिकलो के नंबरों में कोई बदलाव संभव है।