OMG- भरतपुर के भुसावर मे बोरवेल से निकल रहा खौलता हुआ पानी: पक जाता है चावल और अंडा
वैर (भरतपुर, राजस्थान/ कौशलेंद्र दत्तात्रेय ) पृथ्वी पर दिन प्रतिदिन कुछ ऐसी क्रियाएं होती हैं जिन्हें देखकर इंसान दांतो तले उंगली दबा लेता है ।ऐसा ही एक मामला भरतपुर जिले के उपखंड वैर भुसावर में सामने आया है। जहां बोरवेल से खौलता हुआ पानी निकल रहा है। जिसे देखकर हर कोई हैरान है। पानी इतना गर्म है कि इसमें चाय, चावल और अंडा आसानी से पक जाता है। दूसरी तरफ इस उबलते पानी ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं ।फसलों की सिंचाई के लिए यहां के किसानों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। बोरवेल से निकले इस गर्म पानी को पहले होदनुमा कुंड में डालकर डालकर ठंडा किया जाता है। उसके बाद इससे सिंचाई की जाती है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कभी-कभी समय पर सिंचाई नहीं होने से फसलों के उत्पादन पर प्रभाव पड़ता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार इस क्षेत्र की पृथ्वी के अंदर सल्फर की परत होने की वजह से गर्म पानी का निकलना मुख्य कारण है।
फसलों की सिंचाई के लिए किसानों के सामने परेशानी: स्थानीय निवासी राम प्रकाश जाटव ने बताया कि वैर भुसावर कस्बे के गांव नरहरपुर ,हरीहर का नगला, सिरस ,बरौली ,भुसावर आदि में बोरवेल से खौलता हुआ पानी निकल रहा है। इस पानी के कारण किसानों की फसलों के उत्पादन पर काफी प्रभाव पड़ा है। सिंचाई करने से पहले किसान इस पानी को होदनुमा कुंड में एकत्रित कर करीब 8 से 10 घंटे तक रखकर ठंडा करते हैं ।उसके बाद सिंचाई के काम में लेते है। इस क्षेत्र के किसानों के पास इसके अलावा फसलों की सिंचाई के लिए दूसरा कोई विकल्प नहीं है ।ग्रामीणों ने जब इस पानी की जांच लैब में करवाई तो सामने आया कि जमीन के अंदर सल्फर की लेयर है। इस वजह से यहां के अधिकांश बोरवेलों से खौलता हुआ पानी निकलता है ।
इतना गर्म है पानी : स्थानीय निवासियों का कहना है कि बोरवेल से निकल रहा पानी इतना गर्म है कि इसमें चाय अंडे और चावल पक जाते हैं। अगर पानी को सीधे सिंचाई के काम में ले लिया जाए तो पूरी फसल नष्ट हो जाएगी। वहीं जिला प्रशासन और यहां के जनप्रतिनिधियों को कई बार इस समस्या से अवगत कराया जा चुका है लेकिन अभी तक सिर्फ आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।उनका कहना है कि प्रशासन व सरकार की ओर से इस पानी को ठंडा करने के लिए जगह जगह पक्के कुंड बनवाये जायें। जिससे यहां के किसानों को राहत मिल सके।