श्रीमद्भागवत कथा में तीसरे दिन भक्त ध्रुव के प्रसंग को संगीतबद्ध सुनाया
खैरथल (अलवर, राजस्थान/ हीरा लाल भूरानी) स्थानीय झूलेलाल मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन को भगत ध्रुव के प्रसंग भावविभोर श्रोता मंत्रमुग्ध हो कर झूम उठे।वृंदावन धाम से आए कथावाचक सच्चिदानन्द महाराज ने रविवार को भक ध्रुव और राजगुरु के वृतांत को संगीतमय सुनाया।महाराज जी ने कहा कि बुराई हमेशा नेत्रों के द्वारा मन में प्रवेश करती है इसलिए जिस तरह से अश्व सवार अश्व की लगाम पर नियंत्रण रखता है उसी तरह से हमें भी अपने मन पर काबू पाने की आत्मशक्ति धारण करनी चाहिए।सच्चिदानन्द महाराज ने कहा कि जिस स्थान पर श्रीमद्भागवत कथा होती है वह स्थान स्वत: ही तीर्थ हो जाता है। उन्होंने कलयुग के भगवान श्री हनुमान जी के प्रेरक प्रसंग और भजनों की सरिता में श्रोताओं को जमकर डुबकियां लगवाई।संयोजक बालानी परिवार व गोपाल स्वीट्स की ओर से प्रसाद वितरण किया गया। संचालक नारायण बालानी, भगवान बालानी ने बताया कि प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से पांच बजे तक श्रीमद्भगवद्ग गीता का संगीतमय पाठन होगा