कामां में खाद व्यापारी से मारपीट का मामला: आपसी सहमति से दोनों पक्षों में हुआ राजीनामा, प्रशासन ने ली राहत की सांस
कामां (भीलवाड़ा, राजस्थान/ हरीओम मीणा) कामा कस्बे में अंबेडकर सर्किल के समीप गुरूवार को किसान खाद भंडार की दुकान पर ग्राहक व दुकान मालिक में हुए झगड़े हुए उसके उपरांत ग्राहक पक्ष द्वारा दुकान व मकान पर किए गए पथराव के मामले में शुक्रवार देर शाम को धरना स्थल पर करीब दो घंटे चली पंचायत में आपसी सहमति से दोनों पक्षों में राजीनामा हो गया राजीनामा होने के बाद पुलिस और प्रशासन ने राहत की सांस ली|
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को गांव टायरा निवासी एक व्यक्ति अंबेडकर सर्किल के समीप स्थित किसान खाद बीज भंडार पर सामान लेने के लिए आया सामान की रेट को लेकर दुकानदार और ग्राहक में कुछ कहा सुनी हो गई जिस पर ग्राहक दुकानदार को गालियां देने लगा मामला शांत होने पर ग्राहक दुकानदार से अपने पैसे वापस लेकर वहां से चला गया लेकिन कुछ देर बाद ग्राहक ने फोन कर अपने गॉव से सैंकडों लोगो को बुला लिया था और दुकानदार व उसके मकान पर हमला बोल दिया एक घंटे तक हमलावरों ने जमकर पथराव किया और लाठियां भांजी थी| घटनास्थल पर समुदाय विशेष के सैंकड़ों हमलावरों ने करीब एक घंटे तक जमकर तांडव मचाया पथराव में खाद विक्रेता के परिजनों को चोटे आई थी और पथराव से मकान भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया घटना के बाद पीड़ित परिवार व कस्बा वासियों सहित भाजपा नेताओं ने घटना के विरोध घटना में पुलिस की कार्यशैली के विरोध में घटनास्थल पर ही धरना शुरू कर दिया था घटना के विरोध में शुक्रवार को कामां का बाजार भी बंद रखा गया था बाजार बंद व धरना शुरू होने के चलते कामा क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया था भारी पुलिस बल चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया था वही देर शाम को मामले की नजाकत को समझते हुए हमलावर पक्ष गांव टायरा के लोग धरना स्थल पर पहुंचे और पीड़ित परिवार व धरनार्थियों से बातचीत कर मामला सुलझा लिया करीब दो घंटे चली पंचायत मे हमलावर पक्ष के लोगों ने माफी मांग ली पंचायत द्वारा हमलावर पक्ष के लोगों से मंदिर मस्जिद व गुरुद्वारे के नाम से इक्यावन इक्यावन हजार रूपये दिलवाए गए इसके अलावा पंचायत के फैसले के अनुसार हमलावर पक्ष को क्षतिग्रस्त किए मकान की मरम्मत व अन्य सामान की भरपाई करनी होगी वह पंचायत में हमलावर पक्ष के लोगों ने भविष्य मे इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना होने का आश्वासन दिया दोनों पक्षों में आपसी सहमति से राजीनामा होने के बाद धरना समाप्त कर दिया गया| उल्लेखनीय है कि राजीनामा की पंचायत में सिर्फ पीड़ित परिवार हमलावर पक्ष के लोग ही शामिल हुए राजीनामा की पंचायत में राजनेताओं,जनप्रतिनिधियों व सरपंचों को दूर रखा गया