मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वैर सीएचसी को उपजिला अस्पताल में क्रमोन्नत कर दी सौगात
वैर,भरतपुर (कौशलेंद्र दत्तात्रेय)
वैर 10 फरवरी को राजस्थान सरकार द्वारा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा घोषित राजस्थान का बजट 2022 - 23 में वैर विधानसभा के लिए पीडब्ल्यूडी कैबिनेट मंत्री भजन लाल जाटव के अथक प्रयासों से कई सौगात मिली हैं। जिसको लेकर विधानसभा के लोगों में खुशी का माहौल बना हुआ है ।बजट में वैर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को उप जिला अस्पताल में क्रमोन्नत किया गया है । बजट में वैर में जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय खुलेगा। वही वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट न्यायालय कार्यालय खुलेगा। मुख्यमंत्री के 2022-23 के बजट घोषणा में वैर में रीको की स्थापना की जाएगी वैर को औद्योगिक क्षेत्र बनाया जाएगा जिसको लेकर क्षेत्र के लोगों ने मंत्री भजन लाल जाटव का हार्दिक आभार प्रकट किया एवं दूरभाष पर बधाइयां दीं । बल्लमगढ़, कलसाडा ,रीजवास को नवीन सड़कों का निर्माण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में शामिल किया हंतरा रोड से डहरा मोड़ बाया बरखेड़ा झामरी, भरकउ के लिए बजट घोषणा में नवीन सड़कों का निर्माण किया गया है। वैर विधानसभा के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं ।जिसके लिए वैर विधानसभा के लोगों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का एवं कैबिनेट मंत्री भजन लाल जाटव का आभार प्रकट किया है एवं क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। राजस्थान सरकार का अंतिम 2022 23 का बजट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पेश किया जिसमें बैर विधानसभा को महत्वपूर्ण सौगात मिलने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने खुशी जाहिर की एवं पटाखे फोड़े और मिठाइयां वितरित की। वही राजस्थान सरकार का अंतिम बजट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा पेश किए गए बजट को बीजेपी कार्यकर्ताओं ने रोष प्रकट किया है । नगर निगम भरतपुर पूर्व महापौर सुमन कोली ने इस बजट को थोथा बजट कहा है उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की चुनावी रणनीति है 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर आम जनता के साथ कोरा दिखावा किया गया है राजस्थान सरकार का अंतरिम बजट 2022 - 23 का आम चुनाव" खोदा पहाड़ निकली चुहिया" की कहावत को चरितार्थ करता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के आम बजट में किसानों की तरफ ध्यान नहीं दिया गया है वही किसानों को समय पर बिजली उपलब्ध नहीं हो पाती एवं समय पर खाद बीज उपलब्ध नहीं हो पाते जिससे किसानों में खाद बीज बिजली पानी आदि की किल्लत मची हुई होती है किसानों की समय पर जींस को सरकारी रेट पर खरीदारी नहीं की जाती है जिससे किसानों को मंडियों में घाटे से अपनी जींस को बेचना पड़ता है जिससे किसानों को काफी नुकसान होता है ।