8 साल की बच्ची से दुष्कर्म के बाद उसके 10 टुकड़े करने वाले आरोपी को फांसी की मांग
उदयपुर (राजस्थान/मुकेश मेनारिया)
उदयपुर जिले के मावली क्षेत्र के गांव में मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म, हत्या और शव के टुकड़े कर फेंकने के मामले में लोगों का आक्रोश बरकरार है। इसी कड़ी में भील समाज की ओर से उदयपुर जिला मुख्यालय पर वाहन रैली निकालते हुए जबरदस्त प्रदर्शन किया गया। हजारों की तादाद में शामिल हुए लोग तख्तियां थामकर नारेबाजी करते रहे। शहर में प्रवेश के बाद विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए रैली संभागीय आयुक्त कार्यालय और फिर कलेक्ट्रेट पहुंची। रैली में शामिल लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया और घटना के आरोपी को फांसी की सजा दिलाने की मांग करते हुए आक्रोश जताया।
मावली क्षेत्र के गांव में बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में पुलिस ने रिमांड अवधि पूरी होने के बाद आरोपी को उदयपुर की पोक्सो कोर्ट में मंगलवार को पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस ने घटनाक्रम के एक-एक पहलू पर पूछताछ की तो आरोपी ने बताया कि उसने बच्ची को दबोचा, उसकी चीखें बाहर ना जाए, इसलिए गला दबोचते हुए कृत्य करने लगा। दरिंदे ने अपनी हवस मिटाई तब तक बच्ची का दम टूट चुका था। हालात ऐसे थे कि बच्ची का शव बरामद किया गया तब आंखें बाहर निकली मिली। आठ साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के बाद शव के 10 टुकड़े करने के मामले में आरोपी 21 वर्षीय कमलेश राजपूत से पुलिस ने गहनता से पूछताछ की। रिमांड पूरा होने पर मंगलवार को उदयपुर की पोक्सो कोर्ट में पेश किया। पुलिस उसे लेकर एक घंटे तक कोर्ट में मौजूद रही। इसके बाद उसे जेल भेज दिया गया। जांच अधिकारी कैलाश कंवर राठौड़ ने कहा कि आठ-दस दिन में ही चालान पेश करेंगे। आरोपी को फांसी तक पहुंचाने में किसी तरह की कमी नहीं रखी जाएगी।
माता-पिता की रही पूरी भूमिका
पुलिस ने बताया कि बच्ची की हत्या के बाद शव ठिकाने लगाने में आरोपी के माता-पिता की पूरी भूमिका रही। उन्होंने ऐसी जगह चुनी, जहां से शव का पता नहीं चले। रात में आरोपी कमलेश ने ही शव को थैले में भरकर खंडहर में फेंका। इसी के आधार पर पुलिस ने आरोपी के पिता और मां को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने बताया कि 29 मार्च को बच्ची लापता हुई थी। इसके बाद एक अप्रेल को शव बरामद किया गया। इस बीच दो दिनों के दरमियान आरोपी के माता-पिता भी बच्ची के परिजनों से मिले। वे गांव के ही निवासी होने के खातिर बच्ची के लापता होने की कुशलक्षेम पूछने गए और घटना से अनजान होने का नाटक करते रहे।
पुलिस के डॉग ने दी दिशा तो खुला राज
बच्ची का शव मिलने के बाद पुलिस ने डॉग स्क्वायड की भी मदद ली थी। खुलासा करने में पुलिस के डॉग प्रिंस की अहम भूमिका रही। बच्ची के कपड़े सुंघाने के बाद डॉग खंडहर के बाद आरोपी के घर की ओर लपका। पुलिस ने उसी दिशा में जांच शुरू की तो घर में एक के बाद एक सबूत मिलते गए और खुलासा हो गया।
मावली क्षेत्र में 9 साल की बालिका के साथ हुई घटना को लेकर आक्रोश जताते हुए आरोपियों को फांसी की मांग की गई। मेवाड़-वागड़ के आदिवासी भील समाज की महापंचायत कर उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी गई। तहसील के भील समाज की ओर से मंगलवार को बैठक में आंदोलन का निर्णय लिया गया। आयोजन में किंग सेना ने भी अहम भूमिका निभाई। आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाने, संपत्तियों कुर्क करने की भी मांग की गई। इसके लिए संघर्ष समिति का गठन किया गया। मावली बाजार में आक्रोश रैली निकालते हुए एसडीएम को ज्ञापन दिया।
भाजपा देहात जिलाध्यक्ष डॉ. चंद्रगुप्त सिंह चौहान पीड़ित परिवार से मिले। उन्होंने मामला फास्ट ट्रेक में चलाकर शीघ्र चालान पेश करते हुए फांसी तक पहुंचाने की मांग की। मंडल अध्यक्ष रोशनलाल सुथार, कुलदीप सिंह चुंडावत, भैरुलाल गमेती, कैलाश गाडरी, प्रहलाद प्रजापत, नरेश मेघवाल मौजूद थे।घटना को लेकर आम आदमी पार्टी ने भी मुख्यमंत्री के नाम कलक्टर को ज्ञापन दिया। आरोपी को सख्त सजा दिलाने की मांग की। जिला प्रभारी निर्भय सिंह राठौड़, सचिव ओमप्रकाश श्रीमाली, मीडिया प्रभारी इन्द्रकुमार प्रजापत आदि मौजूद थे। व्यापार मण्डल मावली ने मंगलवार को उपखण्ड मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। इसके बाद सभी व्यापारियों एवं कस्बेवासियों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।