साहित्य के राही पुस्तक के विमोचन में शरीक हुए कठूमर क्षेत्र के गणमान्य लोग
कठूमर (अलवर, राजस्थान/ अशोक भारद्वाज) लोहागढ के जल नगरी क्षेत्र लोठावन में सोमवार को संस्कार भारती संस्था के बैनर तले साहित्य के राही पुस्तक का विमोचन प्रसिद्ध शिक्षाविद व पूर्व जिला परिषद सदस्य तुलसीराम शर्मा अऊ के कर कमलों व अनेक गणमान्य तथा सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में एक कार्यक्रम में संपन्न हुआ ।
कार्यक्रम के संचालन कर्ता पुस्तक के संपादक मनोज मनु पाराशर ने बताया कि डीग निवासी दाऊ दयाल पाराशर बेधड़क कवि के नाम से ख्याति प्राप्त जिनकी रचना "हाथ कुदाली जिसने उठाई मोती बना पसीना रे" के माध्यम से श्रम निष्ठा तथा एक किसान और मजदूर के जीवन का चित्रण किया। वहीं "मेरे अंतर्मन की गहराइयों को मत छुओ" रचनाओं के माध्यम से समाज और परिवार में व्याप्त वैमनस्यता और छल कपट को बता कर अपने कवि मन की व्यथा को प्रकट किया था। उनके द्वारा 86 वर्ष की उम्र में श्रीमद् भागवत सप्ताह के तीसरी बार पूर्ण होने पर सोमवार को एक भव्य कार्यक्रम में प्रसिद्ध शिक्षाविद तुलसीराम शर्मा, क्षेत्र के वरिष्ठ कवि व साहित्यकार गोविंद गग्गा, चंद्रभान शर्मा "चंचल", राजेंद्र गुर्जर, अनिल "अगन", आकाश कौशिक, सोहन लाल शर्मा "प्रेम", प्रकाश चंद पाराशर, सुनील "सरल", जितेंद्र "भास्कर", प्राचीन झोपड़ी वाले सीताराम मंदिर कठूमर के महंत स्वर्गीय शिवचरण शर्मा की धर्मपत्नी शारदा देवी, राम प्रकाश भारद्वाज आदि के कर कमलों व सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में पुस्तक का विमोचन किया गया। और इस दाऊ दयाल पाराशर बेधड़क ने आमजन से समाज हित, राष्ट्र के हित में अपने अंतर्मन के शब्दों को पुस्तक के माध्यम से आमजन तक पहुंचाने के लिए पुस्तक को ब्रह्मास्त्र के समान हथियार बताया और कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन काल में पुस्तक लिखने की आदत डालनी चाहिए।