भूमिगत जल स्तर गिरने के कारण कपास के प्रति किसानों का रुझान कम: बाजरे पर बढ़ा
बाजरा को सरकार की ओर से योजना में शामिल करने से रुझान बढ़ा
खैरथल (अलवर, राजस्थान/हीरालाल भूरानी) क्षेत्र में भूमिगत जल स्तर गिरने के कारण किसानों की चिंताएं बढ़ती जा रही है।जिसके तहत किसानों में कपास की बिजाई के प्रति रुझान घट रहा है। वहीं बाजरा बिजाई के लिए किसानों का रुझान बढ़ रहा है। बाजरा को सरकार की ओर से अनेक योजनाओं में शामिल करने के कारण भी बाजरे के प्रति किसानों का बिजाई का रुझान बढ़ा है। इस वर्ष खरीफ फसल की 1,14,022 हेक्टेयर का लक्ष्य है। जिसमें 96,096 हेक्टेयर बिजाई हो चुकी है। सहायक कृषि निदेशक राजेंद्र बसवाल ने बताया कि किशनगढ़ बास, खैरथल,हरसोली, तिजारा, मुंडावर, कोटकासिम, टपूकड़ा आदि तहसील क्षेत्र में बाजरा का बिजाई लक्ष्य 83,200 हेक्टेयर था, जिसके मुकाबले 80,400 हेक्टेयर हो चुकी है। जबकि कपास का 18,900 हेक्टेयर लक्ष्य था जिसके मुकाबले केवल 11,300 हेक्टेयर बिजाई हुई है। इसके अलावा ग्वार,ज्वार,तिल की फसल के प्रति भी किसानों का रुझान घटा है।ज्वार का लक्ष्य 150 हेक्टेयर था जिसमें मात्र 110 हेक्टेयर बिजाई हुई है।ग्वार का लक्ष्य 450 हेक्टेयर के मुकाबले 18 हेक्टेयर,तिल के लक्ष्य 400 हेक्टेयर के मुकाबले 45 हेक्टेयर बिजाई हुई है। जबकि मूंगफली की बिजाई 217 हेक्टेयर की गई है। सहायक कृषि निदेशक बसवाल ने बताया कि गत वर्ष बाजरे की बिजाई का लक्ष्य 80,000 हेक्टेयर था।जिसके मुकाबले 69,925 हेक्टेयर हुई। उन्होंने बताया कि इस वर्ष बाजरा 3 लाख 30000 टन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। जबकि कपास का 19600 का लक्ष्य रखा गया है। कृषि निदेशक बसवाल ने बताया कि कपास की बिजाई पूर्ण हो चुकी है, जबकि अन्य फसलों में 10 जुलाई तक बिजाई कर सकते हैं।समय पर बारिश होने की वजह से बाजरा सहित अन्य फसलों की बिजाई लगभग पूरी हो चुकी है फिर भी शेष रहे किसान इसकी बिजाई कर सकते हैं।