वैर विधान सभा इलाके में हो रही है यूरोपियन खेती: लाल रंग की भिंडी अपना रहा है किसान, जैविक खेती के सिद्धांत हो रहा रोजगार परक

Sep 1, 2022 - 21:58
Sep 1, 2022 - 22:06
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वैर विधान सभा इलाके में हो रही है यूरोपियन खेती: लाल रंग की भिंडी अपना रहा है किसान, जैविक खेती के सिद्धांत हो रहा रोजगार परक

वैर (भरतपुर, राजस्थान/ कौशलेंद्र दत्तात्रेय) पूर्वी राजस्थान का सिंहद्वार कहलाने वाला भरतपुर जिला  का किसान अब रसायनिक खेती को छोड़ कर जैविक खेती कर मालामाल हो रहा है 
भरतपुर जिले की वैर विधान सभा इलाके में अधिकतर किसान आम अमरूद नीबू जामुन अमरूद फालसे  करोंजा अमरख के बागान लगा कर बागानों से होने वाली आय से अपना जीवन करते आए है  अब वैर विधान सभा इलाके का किसान जैविक खेती कर करने में रुचि ले रहा है और जैविक खेती कर रहा है 
किसानों की ओर से वैर विधान सभा में आयुर्वेदिक ओषधियां की खेती के अलावा चंदन अंगूर केसर अनार चीकू फालसे लाल भिंडी की खेती का काफी मुनाफा कमा कर मालामाल हो रहे है 
वैर विधान सभा के गांव सलेमपुर कला में कई हैक्टियर में चंदन की खेती की जा रही है
 वही भुसावर उपखंड के गाव दयापुर में लाल भिंडी वही मैनपुरा में किसान रघुवीर सेन के घर पर अंगूर कटहल की खेती की जा रही है इसी प्रकार से वैर विधान सभा इलाके के किसानों ने बताया की बढ़ती हुई बेरोजगारी से परेशान हो कर बेरोजगार किसान अब खुद ही रोजगार परक होकर रोजगार कर रहे है यूरोप की मिट्टी में पैदा होने वाली लाल भिंडी को अब राजस्थान की दोमट मिट्टी  पसंद होने से लाल भिंडी होने लगी है 
 भुसावर उपखंड के ग्राम दयापुर में यूरोपीय खेती लाल  रंग की भिंडी  की खेती किसान अपनी जमीन में उगा रहे है गांव दयापुर निवासी किसान  सियाराम गुर्जर ने बताया की उनके खेत पर इस बार पहली दफा लाल रंग की कासमी प्रजाति की  भिंडी की खेती की गई है मिट्टी उपजाऊ होने के कारण लाल रंग की भिंडी की खेती खूब उगी है  
उन्होंने बताया कि वे एक बार बनारस घूमने  गए जहां पर उन्होंने खेतो में लाल रंग की भिंडी उगी हुई देखी 
लाल रंग की भिंडी की खेती को  देख कर उनके मन में लाल रंग की भिंडी को कैसे  बोया जाता है कौनसी खाद दी जाती है आदि को लेकर बनारस में स्थित  कृषि अनुसंधान केंद्र पर वैज्ञानिकों से जानकारी ली। लाल भिंडी उगने के बारे में ट्रेनिंग ली ट्रेनिंग लेकर बीज बनारस से लेकर आए उसने अपने खेत पर पहली बार लाल भिंडी उगाई है जो अच्छी तरह से उगी हुई है और निरोगी लाल भिंडी की फसल लहरा रही है 
उन्होंने बताया की सामान्य रूप से  बोई जाने वाली हरे रंग की भिंडी में क्लोरोफिल होने के कारण कीट पतंगे लग जाते है  जबकि लाल रंग की भिंडी में क्लोरोफिल नही होता है  लाला रंग की भिंडी में लाल रंग का केरोटिन फोलिक एसिड के साथ ही विटामिन ए की मात्रा खूब पाया जाता है  वही एंटी ऑक्सीडेंट होने के कारण लाल रंग की भिंडी में कीड़े नही लगते है। 
कासमी प्रजाति की लालारंग की भिंडी में केरोटिन होने के कारण औषधीय गुण होने के कारण लाल रंग की भिंडी से कैंसर डायबीटीज हर्ट रोगियों के लिए रामबाण ओषधी है उन्होंने बताया की एक एकड़ जमीन में चालीस प्रति क्विंटल के हिसाब से उपज देती है 
उन्होंने बताया की स्थानीय मार्केट में लाल रंग की भिंडी का भाव अच्छा नहीं होने के कारण लाल भिंडी को राजस्थान के बाहर यूपी महाराष्ट्र जयपुर भेजा जाता है जहां पर लाल रंग की भिंडी का अच्छा कई गुना भाव मिल जाता है  उन्होंने बताया की इस लाल रंग की कासिम प्रजाति की भिंडी की खेती में परिवार के व्यक्तियो को  भी रोजगार मिल रहा है अन्य किसान भी लाल रंग की भिंडी उगाने में लगे हुए है उन्होंने बताया की लाल रंग की भिंडी की कीमत चार सौ से रुपए से अधिक रूपये में बिकती है

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