निष्पक्ष पत्रकारिता आज की बड़ी चुनौती:- जाखड़
दिनेश जाखड़ गुढ़ागौड़जी
जयपुर
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग राजस्थान सरकार तथा हरिदेव जोशी पत्रकारिता विवि जयपुर द्वारा आयोजित एक दिवसीय ग्रामीण पत्रकारिता कार्यशाला आयोजित हुई। जिसमे विवि कुलपति सुधि राजीव ने ग्रामीण पत्रकारिता के आड़े आने वाले विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। पत्रकारिता में निष्पक्षता का अर्थ है किसी मुद्दे के सभी पक्षों की खोज करना और निष्कर्षों की सटीक रिपोर्टिंग करना। किसी खबर को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने के लिए जनता का उपयोग कभी नहीं किया जाना चाहिए। एक पत्रकार के रूप में आपका दायित्व है कि आप अपने स्वयं के उद्देश्यों की जांच करें, और यह सुनिश्चित करें कि आपकी व्यक्तिगत भावनाएं आप जो रिपोर्ट करते हैं, उसमे प्रतिलक्षित ना हों। संजय शर्मा ने कहा की आपको यह सुनिश्चित करने के लिए उपयोग की जाने वाली भाषा और लहजे के बारे में भी सावधानी से सोचने की आवश्यकता है कि यह तथ्यों का गलत और अनुचित प्रतिनिधित्व नहीं करता है। गरिमा श्री ने कहा की आपका काम सार्वजनिक बहस को सूचित करना है, उस बहस में हेरफेर नहीं करना है। आप जनता के लिए काम कर रहे हैं, अपने स्वार्थ के लिए उनका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं।
उमेश सहल ने कहा की एक पत्रकार के पास स्रोत और सत्यापित तथ्यों को प्रस्तुत करने के अलावा और कोई प्रेरणा नहीं होनी चाहिए। मनोज खेदड़ ने कहा की आपके पास वांछित परिणाम नहीं होना चाहिए। कुछ लोग तर्क देंगे कि पत्रकारिता और सक्रियता संगत नहीं हैं। आप परिणाम की परवाह किए बिना अपना काम करते हैं। मनोज लोढ़ा ने कहा की देखा जाये तो निष्पक्ष पत्रकारिता Fair journalism आज की एक सबसे बड़ी चुनौती है। संचार क्रांति के इस दौर में मीडिया की भूमिका बेहद अहम है और ग्रामीण व शहरी हर क्षेत्र में जागरूकता का माध्यम मीडिया ही है। बाबूलाल शर्मा ने कहा की पत्रकारिता में निष्पक्षता एक मुहावरा बन कर रह गया है और इसी के समानांतर यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या वाकई कोई पत्रकार निष्पक्ष रह सकता है ? पत्रकार भी इसी समाज का हिस्सा हैं, समाज में रहते हुए जो कुछ एक पत्रकार देखता समझता है उसे अपने विवेक के तराजू पर तौल कर उसी के मुताबिक तय करता है कि उसे कहाँ खड़े होना है।
मधु दहिया ने कहा की सिर्फ सत्य की तरफ खड़ी होने वाली पत्रकारिता अब नहीं रही अब मूल्य नहीं व्यक्ति और पार्टी आधारित, एजेंडा वाली पत्रकारिता ही शेष है। अशोक राईका ने कहा की पत्रकारिता हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह सिर्फ इस डिजिटल युग में ही नहीं बल्कि काफी पुराने समय से ही हमारे दैनिक क्रियाकलाप के एक अंग के रूप में अपनी जगह बनाता रहा है। दिनेश जाखड़ ने कहा की ग्रामीण पत्रकारिता में काफी चुनौतियां हैं। ग्रामीण पत्रकार को कई प्रकार की समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। ग्रामीण पत्रकारिता के विषय में अनेक प्रकार की सभी पत्रकारों ने जानकारी प्राप्त की। और हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के द्वारा की गई कार्यशाला की सराहना की।