समाज और राष्ट्र विकास के लिए पहले खुद का विकास हो:- सन्त जानकीदास महाराज
नागौर (राजस्थान/ मोहम्मद शहजाद) संस्कारों का बीजारोपण बचपन से हो तभी आगे चलकर अच्छे नागरिक बन सकते हैं। समाज और राष्ट्र विकास के लिए जरूरी है पहले खुद का विकास हो और वो सम्भव है आत्मानुशासन से। ये विचार सन्त जानकीदास महाराज ने बुधवार को महर्षि जनार्दन गिरी बाल संस्कार केन्द्र के उद्घाटन के अवसर पर व्यक्त किये। उन्होंने केन्द्र से जुड़े बालक बालिकाओं से सन्मार्ग और सदाचार पर चलने का आह्वान किया। उन्होंने शिक्षा के साथ संस्कारो की महत्ती आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम का शुभारम्भ सन्त जानकीदास महाराज ने माँ सरस्वती और स्वामी जनार्दन गिरी महाराज के चित्र के आगे दीप प्रज्ज्वलित कर और माल्यार्पण कर किया। इस अवसर पर महर्षि जनार्दन गिरी पुष्टिकर शिक्षण संस्थान के व्यवस्थापक आनन्द पुरोहित ने बालकों को दिनचर्या और प्रधानाध्यापक महेन्द्र सिंह चारण ने स्वाध्याय का महत्व बताया।
केन्द्र प्रभारी नीलम पुरोहित ने नियमित अभ्यास द्वारा सर्वांगीण विकास कैसे हो के बारे में बालकों को समझाया। आनंद पुरोहित ने जानकारी देते हुए बताया कि ये बाल संस्कार केन्द्र महर्षि जनार्दन गिरी पुष्टिकर माध्यमिक विद्यालय की ओर से वर्ष पर्यन्त निःशुल्क संचालित होगा जिसका उद्देश्य संस्कारों का बीजारोपण है। 5 साल से 12 साल तक के बच्चों के लिए संचालित केन्द्र का समय शाम साढ़े पाँच से साढ़े सात बजे रहेगा। उद्घाटन कार्यक्रम में सुनील हर्ष, सरिता पुरोहित, शकुन्तला सोनी, दिनेश मेहरा, रामसिंह भाटी, प्रीति पुरोहित, कुसुम सेन, साक्षी मत्तड़, देवेश पुरोहित सहित अभिभावक उपस्थित थे।