पूर्व विधायक बनवारी लाल सिंघल का छलका दर्द: दिल मे दबी बात आई जुबां पर

पूर्व विधायक बनवारी सिंघल को है टिकट कटने का मलाल----समाज को एकजुट होने का किया आव्हान:पूर्व विधायक बनवारी लाल सिंघल का छलका दर्द---दिल मे दबी बात आई जुबां पर

Jun 29, 2023 - 20:09
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पूर्व विधायक बनवारी लाल सिंघल का छलका दर्द:  दिल मे दबी बात आई जुबां पर

अलवर,राजस्थान(राजीव श्रीवास्तव)

अलवर शहर विधानसभा से ऐतिहासिक मतों से जीत दर्ज करने वाले पूर्व विधायक बनवारी लाल सिंघल को दुबारा टिकट नहीं मिलने का मलाल है।यह मलाल गाहे बगाहे उनकी जुबान से सार्वजनिक हो जाता है,हालांकि वे बीजेपी में किसी की भी आलोचना नहीं करते है ,अभी भी उनकी नीति बिना किसी का विरोध,आलोचना किए  ही पार्टी कार्यकर्ताओं को एक साथ लेकर चलने की ही है,लेकिन विधानसभा में दुबारा टिकट नहीं मिलने का उन्हें मलाल तो है ही।वो किसी के विरोधी भी नहीं है।हिंदी भाषा पर शानदार पकड़  होने के कारण   कांग्रेसी  नेताओ की सटीक तरीके से आलोचना करके उनकी धज्जियां उड़ाने में माहिर है और यही उनकी भाषाशैली अलवर शहर की जनता को रास आती है,मसलन मंत्री जूली पर कटाक्ष करते हुए  यह कहना कि टीकाराम, नाम में टीका के बाद राम लिखना और राम को परिभाषित कर कांग्रेस पर जोरदार कटाक्ष करना अभी भी शहर की जनता की जुबान पर है,जैसे विशुद्ध हिंदी भाषा मे फूल बाग के राजा और सूबे के मुखिया गहलोत सहित अन्य कांग्रेसी नेताओं पर कटाक्ष और हाल ही में अलवर नगर परिषद को नगर निगम बनाने की कांग्रेस की योजना को तत्थों के साथ प्रजेंट करना भी अलवर की जनता को काफी रास आया।दरअसल हाल ही में वैश्य महासंघ समिति भिवाड़ी का संकल्प समारोह आयोजित किया गया। जिसमें  मुख्य वक्ता व समारोह की अध्यक्षता के लिए अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन के राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष बनवारी लाल सिंघल सहित अन्य ने आगामी चुनावों में समाज की एकता को  प्रजेंट करने पर बल दिया।कार्यक्रम के मुख्य वक्ता बनवारी लाल सिंघल ने कहा की वैश्य समाज की दुर्गति के लिए समाज के लोग भी जिम्मेदार हैं। किसी दूसरे समाज के लोग वैश्य समाज को पीछे नहीं कर सकते। राजस्थान में ब्राह्मण, जाट, गुर्जर,मीणा सहित सभी समाजों के सम्मेलन हो चुके है, लेकिन वैश्य समाज का सम्मेलन नहीं हुआ है। सिंघल ने कर्नल किरोड़ी लाल बैंसला व किरोडी लाल मीणा का उदाहरण देते हुए बताया कि उनका समाज उनके पीछे है इसलिए वह सरकारों को भी घुटनों पर ला देते हैं, उनके वारिसों को भी आज सत्ता में गद्दी पर बैठा दिया गया।दिमाग से काम नहीं होता, इसलिए समाज में एकता  दिखाइए और अपना खोया हुआ वर्चस्व वापिस लाना पड़ेगा। 
बनवारी लाल सिंघल ने अपनी टिकट कटने का मलाल जाहिर करते हुए कहा की अगर अलवर में समाज एक होता तो उनकी टिकट नहीं कटती, समाज के सभी घटकों को एक बैनर के नीचे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, समाज के उत्थान के लिए राजनीतिक ताकत जरूरी है। राजनीतिक ताकत के बलबूते किशनगढ़ बास के विधायक दीपचंद खेरिया ने भिवाड़ी को अलवर से काटकर खैरथल में मिला दिया।

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