एनटीपीसी अंता में बालिका सशक्तिकरण अभियान का समापन, नन्ही बालिकाओं ने अपनी बेमिसाल कौशल दिखाई
अंता (शफीक मंसूरी)
एनटीपीसी के नैगम सामाजिक उत्तरदायित्व कार्यक्रम के अंतर्गत एनटीपीसी फाउंडेशन की एक अभिनव पहल के तहत आयोजित
चार सप्ताह के बालिका सशक्तिकरण अभियान का समापन समारोह रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं प्रस्तुतियों के साथ 09 जून, 2023 को सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर, बारों श्री नरेन्द्र गुप्ता के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस वर्ष 10 मई से 09 जून तक यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य परियोजना के आस-पास के ग्रामीण विद्यालयों के 10-12 वर्ष के बालिका छात्राओं को इस कार्यक्रम के माध्यम से नए आयाम दे कर उन्हें सशक्त बनाना है तथा उनके व्यक्तित्व का समुचित विकास के अवसर प्रदान कर उन्हें बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए प्रोत्साहित करना है। इस वर्ष इस बार
सप्ताह की कार्यशाला में स्थानीय 10 राजकीय विद्यालयों की 40 छात्राओं ने भाग लिया है जिसमें बालिकाओं को अंग्रेजी,गणित, विज्ञान, पर्यावरण एवं कम्पुटर की शिक्षा दी गयी है। साथ ही उन्हें विभिन्न तरह के कलाओं, जैसे योग अध्यातम,
मेडिटेशन, ड्राइंग-पेटिंग, नृत्य और संगीत, अभिनय, खेल-कूद, आत्मरक्षा, तथा गुड टच बाद टच, व्यक्तिगत स्वच्छता की भी
प्रशिक्षण दी गई है। साथ ही उन्हें एक बेहतर और सशक्त दैनिक जीवन शैली अपनाने के लिए प्रशिक्षित की गयीं हैं। उन्हें शारीरिक रूप से संबल एवं सुदृढ़ बनाने के लिए कार्यशाला के दौरान पौष्टिक भोजन की प्रतिपूर्ति की गयी है जिससे वे शारीरिक
रूप से और अधिक सक्षम हो सकें। कुल मिलकर इस कार्यशाला का उद्देश्य हरेक प्रतिभागी बालिका को शारीरिक, मानसिक,बौद्धिक और आध्यात्मिक रूप से सुदृद्ध एवं मजबूत बनाकर उन्हें एक सफल भविष्य की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करना रहा है।
समापन समारोह के दौरान बालिकाओं ने एक से बढ़कर एक रंगारंग प्रस्तुतियां दी जिसे देख कर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। इस कार्यक्रम में छात्राओं द्वारा राजस्थानी लोक नृत्य, नाटक का मंचन, बालिका सशक्तिकारण थीम पर आधारित विभिन्न प्रस्तुतियाँ दी जो दर्शकों के स्मृति पटल पर हमेशा रहेगी।
इस अवसर पर अपने संबोधन में जिला कलेक्टर एवं मजिस्ट्रेट, बारां, श्री नरेंद्र गुप्ता ने एनटीपीसी की इस पहल एवं प्रयास की भूरि-भूरि प्रशंसा की और बच्चों की प्रतिभा देख कर वे उनसे काफी प्रभावित हुए। उन्होंने अपने सम्बोधन में उन्होंने बालिकाओं के अभिभावको जागरूक किया कि वो यथासंभव पड़ा-लिखा कर उन्हें योग्य बनाये ताकि वो परिवार, समाज व देश के विकास में योगदान दे सके। अंत में उन्होंने बालिकाओं के उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद दिया।