गौमाता के बिना हिन्दुत्व ही अधूरा - दाताश्री
गुडा मांगलियान (पाली, राजस्थान/ बरकत खान) सम्पूर्ण भारत मे लम्पी वायरस गौ माता के लिए एक संकट लेकर आया है।जिससे की गौ माता को जान का खतरा बना हुआ है।जब जब भारत भुमि पर कोई बडा संकट आया है तो गौमाता ने अपने उपर लेकर हिन्दुत्व की रक्षा की है।यह लम्पी नाम का वायरस भी भारत भुमि पर कोई बडा संकट लेकर आया।जिससे गौ माता ने अपने ऊपर लेकर सृष्टि पर रक्षा की है।हिन्दु व भक्तो के लिए कवच बन कर खडी है।इसीलिए कहते है कि गौ माता के बिना हिन्दुत्व अधुरा है।यह सम्बोधन श्री मामाजी धाम गुडा मांगलियान मे गौ पूजन के उपलक्ष मे श्रीकृष्ण भक्त दाताश्री महेन्द्रसिंह राणावत बोल रहे थे।कार्यक्रम की शुरूआत भगवान श्री गोपाल कृष्ण के दिप प्रज्वलित कर की गई।दाताश्री ने कहा कि आज आदमी आधुनिकीकरण मे फंस कर रह गया है।जबकि भारत भुमि गौ माता पर आधारित थी।हम देश ओर राष्ट्रीयता को छोड़कर पश्चिम सौगात को अपना रहे है।कहा कि गौ माता आज धर्म नीति और राजनीति के बीच पीस रही है,जब तक गाय धर्म नीति और राजनीति के जाल से मुक्त नहीं होगी, तब तक गौ हत्या को रोका नहीं जा सकता मेरा मानना है कि अगर हम गौ माता को धर्म नीति और राजनीति के जंजाल से बाहर निकाल दें और उसे पूरी तरह से अर्थनीति से जोड़ दें तो स्वतःही देश में गोरक्षा आंदोलन सफल हो जाएगा।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता ओमप्रकाश शर्मा ने गौ माता के ओषधिय युक्त दुध,दही,घी ओर गौमूत्र को अमुल्य बताया।ओर उन्होंने कहा कि हर हिन्दु को संकल्प लेना चाहिए कि मै मेरे घर मे गौ माता के दुध,दही तथा घी उपयोग करुगा।ऐसा करने पर गौ माता की रक्षा हो सकती है।गौ माता की जितनी महिमा कहे उतनी कम है।आज का युवा सनातन धर्म के बारे मे कुछ नही जानता है।उनकी जीवनी शैली ही बदल दी है।इसलिए अपने बच्चो को संस्कारित करने की करे।तत्पश्चात भगवान श्रीकृष्ण को छप्पन भोग लगा गया।तथा महाआरती की गई।पधारे सभी संत महात्माओ व धर्म प्रेमियो का श्री राधेकृष्ण सेवा संस्थान की ओर से बहुमान किया गया।इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय संत युवाचार्य अभयदास महाराज तखतगढ,गोडवाड मण्डल श्री अध्यक्ष कैलाश पुरी जी महाराज देसुरी,मेवाड मण्डल अध्यक्ष प्रकाश भारती महाराज व कालकानंद गिरी महाराज,निम्बेश्वर महादेव ट्रस्ट अध्यक्ष जगतसिह राणावत साण्डेराव,मुख्य वक्ता ओमप्रकाश शर्मा, गुलाबसिंह राणावत, नरेन्द्र सिंह देसुरी, विक्रम सिंह गुडा आसकरण, नंदु भाई नरसिंह सेना घाणेराव,बगदाराम गर्ग उपस्थित थे।