कोमल कच्ची डोर नहीं हूं इतनी भी कमजोर नहीं हूं : मातृत्व दिवस पर कवियत्री गायक कविता किरण का हुआ अभिनंदन
खैरथल अलवर ( हीरालाल भूरानी)
अंतरराष्ट्रीय मातृत्व दिवस पर अंतर्राष्ट्रीय साहित्य परिषद और इंडिया इंटरनेशनल म्यूजिक लवर्स सोसायटी द्वारा पंचशील प्लाजा में कवियत्री गायक कविता किरण का शाल ओढ़ाकर और अभिनंदन पत्र देखकर उनका स्वागत किया । रेखा खेमानी ने दोनों आवाजों में मेरे प्यार की उमर हो इतनी सनम और कविता किरण के साथ मिलकर जिंदगी प्यार का गीत है के गानों में सबको आश्चर्यचकित किया । रितु मोती रमानी ने मां के गीतों पर नृत्य नाटिका प्रस्तुत करते हुए मंत्रमुग्ध किया ।
सदस्यों में कुम कुम जैन , डॉ दीपा थदानी , कैप्टन माही , तनिष्क माथुर , ऊषा मित्तल, कुंज बिहारी लाल , रश्मि मिश्रा , नीरज और वंदना मिश्रा, लता लख़्यानी , डा सतीश शर्मा, निर्मल सिंह परिहार, दीपक भार्गव, वर्षा माथुर, हनीफ जी, कमल शर्मा, मीना कंजानी, डॉ लाल थदानी, दीपक भार्गव, लक्ष्मण चैनानी , मंजू चैनानी , गोपेन्द्र सिंह राठौड़, शकील खां , कमर जहां , मीना ख्यालानी, योगेश गौड़ , गुलाब वर्मा , तनिष्क माथुर, मनीष कोठारी, विजय कुमार शर्मा, सरला शर्मा, ने माई तेरी चुनरिया लहराए: उंगली पकड़ के चला, माई री मैं कासे कहूं , तू कितनी अच्छी है, दादी अम्मा मान जाओ, बड़ा नटखट है कृष्ण कन्हैया, मैया यशोदा,
दिल में हो तुम, आ मेरी जैसी हसीना, ऐसा समां न होता, तेरे मेरे बीच में, कई बार यूं ही देखा है, मेरे दिल ने तड़प के जब नाम, कहीं दिल लगाना पड़ेगा, फूल आहिस्ता फेंको, कजरा मोहब्बत वाला, यह प्रभु का ही वरदान है , ये मेरा दिल प्यार का दीवाना, गम उठाने के लिए , ना तुम हमें जानो, वह शाम कुछ अजीब थी,आदि गीत सुना कर भाव विभोर कर दिया ।
अपने अभिनंदन और मान सम्मान से अभिभूत होते हुए कविता किरण ने कुछ पंक्तियां कोमल कच्ची डोर नहीं हूं इतनी भी कमजोर नहीं हूं और मैं लड़की 16 साल की सुना कर ध्यान आकर्षित किया और सबकी वाहवाही लूटी ।
अध्यक्ष निर्मल परिहार महासचिव कुंज बिहारी लाल ने इससे पूर्व मीटिंग लेते हुए आगामी कार्यकारिणी और कार्यक्रमों पर विस्तृत चर्चा की । कोषाध्यक्ष लक्ष्मण चैनानी ने आय व्यय का ब्यौरा दिया।
कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि के साथ सदस्यों ने हनीफ जी लता लख़्यानी, कमल शर्मा के साथ मिलकर ये बंधन तो प्यार का बंधन है , यह तो सच है कि भगवान है गाकर कार्यक्रम की समाप्ति की ।