गोविंदगढ़ कस्बे में पिनच हनुमान जी मंदिर की विवादित भूमि पर रात्रि में हथियारों के बल पर भूमाफियाओं ने किया जबरन कब्जा, ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश
भुमाफियाओ को राजनैतिक एवं अधिकारियो का संरक्षण प्राप्त होने के कारण उन पर 91 की कार्यवाही भी नहीं की गई भूमाफियाओ की दबंगई तो इस हद तक है की उन्होंने सडक पर सरकारी भूमि पर रातो रात दिवार खड़ी कर दी लेकिन रात्रि गश्त के दौरान पुलिस के द्वारा उन्हें नही रोका गया
गोविंदगढ़ तहसील क्षेत्र के गांव रामबास में बस स्टैंड पर स्थिति मैच वाले हनुमान जी मंदिर पर जमीन विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है जहाँ भूमाफियाओ के द्वारा मंदिर की भूमि पर लगे स्टे को 17 फ़रवरी को हटते ही एक दिन में कार्यवाहक तहसीलदार प्यारेलाल के द्वारा इंतकाल चढ़ा दिया गया तहसीलदार प्यारे लाल जाटव ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग करते हुए बिना ग्राम सभा की बैठक के ही जमीन का इंतकाल लॉक कर दिया। जबकि आम कास्तकारों के कई महीनों तक इंतकाल के नाम पर साइट नहीं चलने का हवाला दे दिया जाता है और काश्तकार चक्कर काटते रहते हैं। लेकिन तहसीलदार गोविंदगढ़ ने भू माफियाओं के दबाव और संलिप्तता में बिना ग्राम पंचायत की ग्राम सभा के बिना ही जमीन का इंतकाल लॉक कर दिया।
भूमाफियाओं ने मंदिर की जमीन पर कब्जा करने का समय रात को चुना कस्बे वासी सो रहे थे और भूमाफियाओं ने बाउंसरों की मदद से मंदिर की जमीन पर कब्जा कर लिया। रातों-रात ईंट पत्थर बजरी मंगवाई गई और दीवारें बनाने का काम तेज कर दिया वही आननफानन में भूमि की रजिस्ट्री भी कर दी गई जबकि वर्तमान में यह विवाद राजस्व अपील अधिकारी के समक्ष है जहाँ मामले की सुनवाई 23 मार्च की है।
पिनच मंदिर को भूमि दान देने वाले दानदाता के परिवारजन शैलेंद्र कुमार के अनुसार संवत 1975 यानी लगभग 100 वर्ष पूर्व इनके पूर्वज सम्पत वगैरहा के द्वारा 2 बीघ भूमि मंदिर श्री हनुमान जी महाराज पिनच वाले को जमीदार दान की गई थी और यह भूमि संवत 2028 तक मंदिर के नाम दर्ज रही लेकिन संवत 2028 में बंदोबस्त (सेटलमेंट) में पुजारियों ने प्रशासन की मिलीभगत से इसे अपने नाम करवा लिया
जिस भूमि को पुजारियों ने भूमाफिया को मंदिर की भूमि का बैनामा करवा दिया इसकी भनक जब दानदाताओं को लगी तो उन्होंने पुजारियों के समक्ष जाकर इसका विरोध दर्ज कराया तो उन्होंने ही संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो दानदाता उपखंड अधिकारी लक्ष्मणगढ़ लाखन गुर्जर के पास जाकर दावा पेश कर आए जिस पर उपखंड अधिकारी लक्ष्मणगढ़ के द्वारा खसरा नंबर 384 385 386 387 एवं 388 रामबास के तहत जो मंदिर मूर्ति की सेवा के पूजा में काम आ रही भूमि को यथास्थिति रखने के आदेश जारी कर दिए लेकिन जिसे वहां से बाद में ख़ारिज कर दिया गया और अब मामला राजस्व अपील अधिकारी के समक्ष है लेकिन भूमि पर काबिज भूमाफियाओ के द्वारा भूमि पर निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिया जिसे स्थानीय अधिकारीयों के द्वारा अनदेखा किया गया।
क्षेत्रवासियों के अनुसार जब किसी भी भूमि पर निर्माण कार्य करवाया जाता है तो उसका कन्वर्ट होना जरुरी होता है और यहाँ तो इन भुमाफियाओ को राजनैतिक एवं अधिकारियो का संरक्षण प्राप्त होने के कारण उन पर 91 की कार्यवाही भी नहीं की गई भूमाफियाओ की दबंगई तो इस हद तक है की उन्होंने सडक पर सरकारी भूमि पर रातो रात दिवार खड़ी कर दी लेकिन रात्रि गश्त के दौरान पुलिस के द्वारा उन्हें नही रोका गया