रामनवमी के मेले में कवियों ने श्रोताओं को हास्य, व्यंग्य और ओज की कविताएं सुनाई
जनूथर,भरतपुर (हरिओम सिंह )
जनूथर -कस्बा जनूथर के देवी मंदिर परिसर में रामनवमी मेले में गुरुवार रात्रि को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन सरपंच प्रतिनिधि करतार सिंह चौधरी की अध्यक्षता में एवं रोहतास खंडेलवाल के मुख्य आतिथ्य में हुआ । विशिष्ट अतिथि पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि जितेंद्र सिंह फौजदार रहे । कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण वा दीप प्रज्वलन कर किया । साथ ही कवि हरिश्चंद्र हरि ने शारदे मां ज्ञान का हमको भंडार दे ..... सरस्वती वंदना प्रस्तुत की । इसके बाद कवि अभिषेक अमर ने सिंहों के आगे 'तिनकों का कोई काम नहीं होता समर भूमि में रक्त पड़ा हो तो आराम नहीं होता.... कविता से युवाओं में देशभक्ति का जोश भरा । जबकि सौम्या खंडेलवाल ने दिल्ली फौज ढाई जाने जड़ते उखाड़ों है मुगलन के खून को बना दियो गारो है..... कविता से शूरवीर महाराजा सूरजमल को याद दिलाया , कवियित्री रूविया खान ने 'मोतियों की माला टूटी टूटा रे मनुहार.. मैं बैठी इस बार साजन तू बैठा उस पार ... कविता से वियोगी प्रेमी की व्यथा को व्यक्त किया ।कवि सबरस मुरसानी ने 'स्वारथ को जो भी जीते हैं उनकी भी क्या जिंदगानी.... है जो मातृभूमि पर मिटना सकी वो भी क्या यार जवानी है .... देशभक्ति कविता पेश की । कवि पदम अलबेला ने मात पिता पति छोड़कर आश्रम में क्या काम.. इनकी सेवा कीजिए घर हो तीरथ धाम.....। कवि हरिश्चंद्र हरि ने पेट्रोल पट्टे ते मारे डीजल डीजे नाचे और रसोई गैस गीत नित मीठे-मीठे बांचे बिजली दम रही है निकाल... कविता से देश के नेताओं पर व्यंग किया । कवि हरिओम हरि ने जब मजदूर किसान जागेगा नया सवेरा तब होगा नौजवान जब कमर कसेगा दूर अंधेरा तब होगा.... कविता से जागृति का संदेश दिया । कवि कैलाश सोनी स्वर्णिम ने अपने दिल में तू तहे दिल से बसा ले मुझको किस में दम है जो तेरे दिल से निकाले मुझको.... प्यार भरी कविता सुनाई । संचालन अभिषेक अमर ने किया । कैला देवी भक्त मंडल के डालचंद पाराशर, सतीश खंडेलवाल ,रवि खंडेलवाल ,नीरज बंसल ,कैलाश वीर गुप्ता ,वंशी पंडित,दीपक खंडेलवाल और सांसद प्रतिनिधि बीरीसिंह चौधरी , कांग्रेश खोह ब्लॉक अध्यक्ष भवानी शंकर शर्मा आदि गणमान्य नागरिक मौजूद रहे ।