कलेक्टर के आदेशों की अवहेलना कर संचालित हो रहे निजी स्कूल: डंपर से भिड़ी स्कूल बस, 25 बच्चे घायल, सिर फूटे कई फ्रैक्चर

शीतकालीन अवकाश में संचालित निजी स्कूल, गलन में ठिठुरते बच्चे

Jan 18, 2023 - 23:23
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कलेक्टर के आदेशों की अवहेलना कर संचालित हो रहे निजी स्कूल: डंपर से भिड़ी स्कूल बस, 25 बच्चे घायल, सिर फूटे कई  फ्रैक्चर

भरतपुर (राजस्थान/ कौशलेन्द्र दत्तात्रेय) शिक्षा विभाग के द्वारा 25 दिसम्बर 2022 से 14 जनवरी तक सरकारी एवं निजी विद्यालयों का शीतकालीन अवकाश घोषित किया हुआ है इसके बाद भारी कोहरे व शीतलहर के चलते भरतपुर जिला कलेक्टर ने स्कूलो का अवकाश 18 जनवरी तक बढ़ा दिया था, निजी विद्यालयो द्वारा जिला कलेक्टर व शिक्षा विभाग के आदेशों की धज्जियां उड़ाते मे चारों ओर घने कोहरे के बीच छोटे-छोटे नौनिहाल विद्यालय बुलाते हुए नजर आए, वहीं शिक्षा विभाग के आला कर्मचारी इस बात की सूचना के बाद भी लापरवाह नजर आए, सरकारी विद्यालय जहां शिक्षा विभाग के आदेशों की पालना करते हुए नजर आते हैं वहीं निजी विद्यालय अपनी मनमानी करते हुए स्वयं के आदेशों की पालना करते हैं

शीतकालीन अवकाश के दौरान निजी स्कूल संचालक उडा रहे सरकारी आदेशों की धज्जियां, कार्यवाही करने में विभाग फैल: अधिकारियों को सूचना नहीं

आज भरतपुर के नदबई नगर सड़क मार्ग पर सुबह 8:30 बजे सनशाइन स्कूल की बस लालपुर, अग्निपुरा, ऊंच, करीली से बच्चों को लेकर नदबई की ओर आ रही थी। इसी दौरान बच्चों से भरी बस हादसे का शिकार हो गई। डंपर से भिड़ने के बाद बस पेड़ से जा टकराई। एक्सीडेंट इतना भीषण था कि बस का अगला हिस्सा पूरी तरह खत्म हो गया। वहीं, 25 बच्चे बुरी तरह घायल हो गए। सीटों के बीच फंसे बच्चे काफी देर तक चीखते- पुकारते रहे। बताया जा रहा है कि हादसे में 10 से ज्यादा बच्चों के फ्रैक्चर हुआ है और सिर पर गंभीर चोटे आई हैं। बच्चों को बड़ी मुश्किल से बाहर निकाला गया

एक्सीडेंट की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्चों को नदबई हॉस्पिटल पहुंचा। एक साथ इतने घायलों के पहुंचने से हॉस्पिटल में अफरा-तफरा मच गई। बेड की संख्या कम होने के कारण यहां एक बेड पर दो-तीन बच्चों का इलाज किया जा रहा है। घटना की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। 7 बच्चों को गंभीर हालत में भरतपुर रेफर किया गया, टक्कर के बाद बस सड़क किनारे पेड़ से टकराकर पलटने से बच गई। स्थानीय लोगों की सहायता से नदबई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भर्ती कराया। बस में करीब 36 बच्चे सवार थे।

शीतकालीन अवकाश मे निजी विद्यालय संचालक अपनी मर्जी चलाते हैं इसके बाद भी ब्लॉक स्तर पर शिक्षा अधिकारी कोई कार्यवाही भी नहीं करते हैं वहीं जहां कुछ निजी विद्यालय शिक्षा विभाग के आदेशों की पालना करते हैं उन्हें विद्यालय में अध्ययनरत बालकों के परिजनों की शिकायतें मिलती है निजी विद्यालयों में इस प्रकार की दोगली नीति के कारण परिजनों में असमंजस की स्थिति बनी रहती है बाहर हाल शिक्षा विभाग अपने आदेशों की पालना कराने में नाकाम साबित हो रहा है शीतलहर के कारण अत्यधिक ठंड पड़ रही है। जिसके कारण लोगों का घर से निकलना कम हो गया है।

हम आपको बता दें कि शिक्षा विभाग ने शीतकालीन आदेशों की पालना नहीं करने पर ऐसे विद्यालयों की मान्यता रद्द करने की प्रक्रिया अमल में लेने का प्रावधान जारी किया है लेकिन ऐसे में कई निजी विद्यालयों को इन आदेशों से कोई मतलब सरोकार नहीं है स्कूल संचालकों द्वारा भारी सर्दी व भारी कोहरे के बावजूद भी धड़ल्ले से विद्यार्थियों को जबरन पढ़ने के लिए विद्यालय बुलाया जा रहा है जबकि जिला कलेक्टर ने भारी सर्दी को देखते हुए शीतकालीन अवकाश घोषित किए हुए हैं, निजी विद्यालय संचालकों की मनमानी के चलते ऐसे कड़ाके की ठंड व कोहरे के चलते छोटे एवं नौनिहालों को परिजन मजबूरन विद्यालय भेजने को मजबूर है, जहां कड़ाके की सर्दी के चलते बड़े-बड़े लोगों का हाल बेहाल है ऐसे में छोटे बच्चों के लिए सर्दी बीमारी का कारण बन रही है, शिक्षा विभाग के अधिकारी भी अपने रजिस्टर में शीतकालीन अवकाश की तिथियों को तो भर लेंगे लेकिन मौके पर जाकर आदेशों की पालन हो रही है या नहीं यह देखने की किसी के पास फुर्सत नहीं।

जिसे देखकर कहा जा सकता है कि आला अधिकारियों के ढुलमुल रवैया के चलते कुछ निजी विद्यालय अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं क्योंकि विभाग वाला अधिकारियों के द्वारा निर्देश तो जारी कर दिए हैं लेकिन उनकी पालना के लिए किसी प्रकार की जांच या निरीक्षण रणनीति नहीं बनाई गई है, निजी विद्यालयों द्वारा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के लिखित आदेशों की पालना नहीं करना नई बात नहीं है।

 कड़ाके की ठंड में छुट्टियां होने के बाद स्कूल जा रहे वहीं, बच्चों को जबरन स्कूल बुलाने वाले संचालक के खिलाफ प्रशासन अब कार्रवाई की बात कर रहा है।

 कलक्टर के स्कूल बंद के आदेश के बाद भी स्कूल खुलने की सूचना शिक्षा विभाग के अधिकारियों को नहीं थी। इस मामले में भी जिला कलेक्टर ने स्वयं अधिकारियों को निर्देशित किया है जबकि अन्य अधिकारियों को स्कूल खुलने की सूचना ही नहीं थी।

कलेक्टर आलोक रंजन ने कहा कि सर्दियों को देखते हुए कक्षा 1 से 8वीं तक और आंगनबाड़ी सेंटरों पर 18 जनवरी तक अवकाश घोषित किया गया था। निजी स्कूल संचालकों द्वारा आदेशों की अवहेलना करते हुए स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। स्कूल संचालक के खिलाफ जांच कर नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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