चंबल के नहरी पानी की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन हुआ शुरू
खेड़ी (रामगढ़) अलवर
ग्राम पंचायत खेड़ी के ग्रामीण आज ईआरसीपी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना की मांग को लेकर अपने गांव में ही अनिश्चितकालीन धरने प्रदर्शन पर बैठ गए ग्रामीणों का कहना है की क्षेत्र में लगातार जलस्तर घटता जा रहा है कई वर्षो से रूपारेल नदी और पिपरोली बांध में पानी नही आया है जिससे जमीनी पानी की समस्या बढ़ी है आज हजार फीट पर भी बोरवेल नही लग रहे और पुराने बोरवेल भी खतम होने की कगार पर हैं। गोरतलब है की ईआरसीपी परियोजना की घोषणा 2017 में राज्य सरकार द्वारा की गई थी जिसे 2023 तक 3 चरणों में पूरा होना था लेकिन अब तक यह परियोजना शुरू भी नहीं हो पाई है अक्रोशित ग्रामीणों का कहना है केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच आपसी मतभेद की वजह से परियोजना लागू नहीं हो पा रही जिसका नुकसान क्षेत्र के किसानों को उठाना पड़ रहा है प्रधानमंत्री ने वर्ष 2018 में ईआरसीपी परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की बात कही थी लेकिन पिछले दिनों लोकसभा में केंद्र सरकार अब अपने वादे से मुकर गई है जिससे किसानों में भारी रोष है और क्षेत्र के किसान लगातार राज्य सरकार से भी ईआरसीपी परियोजना की डीपीआर में संशोधन कर के क्षेत्र के मुख्य नदी नालों और बांधो को जोड़ने की मांग कर रहे है लेकिन केंद्र और राज्य सरकार इस मुद्दे पर गंभीर नही है। ग्रामीणों ने कहा की इस चुनावी वर्ष में भी अगर हमारी मांगों को नही माना गया तो आने वाले समय में सरकारों से कोई उम्मीद नहीं लगाई जा सकती इसलिए अब जो राजनेतिक पार्टियों के नेता विधायक सांसद गांव में आयेंगे तो उनसे सबसे पहले नहरी पानी का सवाल पूछा जायेगा आखिर 2023 में किसानी की मिलने वाला चंबल का नहरी पानी अब तक क्यों नहीं मिल पाया अक्रोशित ग्रामीणों ने कहा की अब आरोप प्रत्यारोप से ग्रामीण संतुष्ट नहीं होंगे राज्य और केन्द्र सरकार अपने अपने स्तर पर ईआरसीपी परियोजना को लागू करने पर काम चालू करे ताकि क्षेत्र के किसानों को नहरी पानी का लाभ मिल सके
इस दौरान लवकेश चौधरी, राजेंद्र फोगाट, मनोहर सिंह, देवी राम, महेश सैनी, विरेंद्र मोर, महेंद्र सिंह, रमेश वर्मा, दुलीचंद सैनी, सीसराम जाट, अमरजीत मान आदि मौजूद रहे