खेड़ली कस्बे के राजकीय अस्पताल को उप-जिला अस्पताल घोषित किए जाने के बाबजूद भी है असुविधाओं का आलम
चिकित्सकों की कमी के कारण मरीजों को करना पड़ रहा परेशानी का सामना, मौसम में आए बदलाव के कारण उल्टी-दस्त,पेट दर्द आदि के दिखाने आ रहे मरीज: ओपीडी पहुंची 500 से 550 के आसपास
खेड़ली (अलवर, राजस्थान/रोहित सिंघल) खेड़ली कस्बे के राजकीय रेफरल अस्पताल में इन दिनों चिकित्सकों की कमी के कारण अव्यवस्थाओं का आलम बना हुआ है। राजकीय रेफलर अस्पताल को उप जिला अस्पताल घोषित किए जाने के बावजूद भी यहां चिकित्सकों की भारी कमी है । मौके पर संवाददाता रोहित सिंघल द्वारा अस्पताल परिसर पहुंचकर अस्पताल की स्थिति का जायजा लिया गया तो इस दौरान अस्पताल परिसर में काफी संख्या में मरीजों की भीड़ डॉक्टरों के चेंबर के आगे लगी हुई देखी गई जहां अस्पताल परिसर में मौसम में आए बदलाव के कारण उल्टी, दस्त, पेट दर्द आदि के मरीज वहाँआए थे। वही ओपीडी 500 से 550 के आसपास दर्ज की गई । अस्पताल में वर्तमान में 11 पद चिकित्सकों के स्वीकृत है लेकिन वर्तमान में पांच चिकित्सकों द्वारा ही अस्पताल परिसर में मरीजों को इलाज दिया जा रहा है वहीं दूसरी ओर किसी भी एक चिकित्सक के छुट्टी पर चले जाने या अन्य सरकारी कार्यो में लग जाने के कारण मरीजों को सही तरह से उपचार नहीं मिल पा रहा है और उन्हें दर-दर भटकना पड़ रहा है
राजकीय रेफलर अस्पताल खेडली को उप जिला अस्पताल घोषित कर दिया गया है जिसके दौरान 20 से 21 पदों पर चिकित्सकों की नियुक्ति की होने की संभावना है लेकिन अभी आदेश नहीं आने के कारण उन पदों पर भी नियुक्ति नहीं हो रहा है वही अस्पताल परिसर में शिशु रोग विशेषज्ञ,दो सीनियर मेडिकल ऑफिसर,तीन मैडिकल ऑफिसर है जो मरीजों को अपनी सेवाएं दे रहे हैं। तो वहीं दूसरी और अस्पताल परिसर में स्त्री रोग विशेषज्ञ,हड्डी रोग विशेषज्ञ सहित सर्जन नहीं होने के कारण एक्सीडेंटल,सीरियस मरीजों व प्रसूता महिलाओं को पथैना, भरतपुर ,अलवर रैफर कर दिया जाता है जिसके कारण मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है वही कई बार तो रास्ते में रैफर किए गए मरीजों की मौत भी हो चुकी है
मामले में चिकित्सा प्रभारी अंकित जेटली से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि इन दिनों मौसम में आए बदलाव के कारण मरीजों की संख्या में कमी हुई है लेकिन उल्टी दस्त पेट दर्द आदि के मरीज अस्पताल परिसर में आ रहे हैं तथा ओपीडी 500 से 550 के आसपास हो रही है उन्होंने बताया कि अस्पताल परिसर में 37 प्रकार की जांच वर्तमान में मरीजों की की जा रही है लेकिन उप जिला अस्पताल घोषित होने के कारण और भी कई जांचें अस्पताल परिसर में बढ़ने की संभावना है तथा साथ ही नर्सिंग स्टाफ में भी बढ़ोतरी की है जो कि पहले 16 का था लेकिन अब उसे बढ़ाकर लगभग 30 के करीब किया गया है लेकिन वह भी आदेश के अभाव में अटके हुए पड़े हैं। वहीं अस्पताल परिसर में 24 घंटे मरीजों को इमरजेंसी सेवाएं भी खुली हुई है। चिकित्सा प्रभारी अंकित जेटली ने बताया कि पूर्व में भी कई बार लिखित व व्यक्तिगत रुप से अधिकारियों को लेटर के माध्यम से अवगत कराया गया था लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। जिसके कारण काफी परेशानी हो रही है।