रैणी के सरकारी कोलेज मे अनेकों अव्यवस्थाऐ बरकार: जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधी जानबूझकर नही दे रहे ध्यान
रैणी (अलवर, राजस्थान) अलवर जिले के रैणी-उपखंड /तहसील/पंचायत समिति मुख्यालय पर स्थित राजकीय महाविद्यालय रैणी वैसे तो गतवर्ष से ही सरकार ने चालू करा दिया है और इस वर्ष बी.ए.द्वितीय वर्ष के विधार्थी भी अध्ययनरत है लेकिन विधार्थियो के लिए अभी तक भी शौचालय की व्यवस्था तक नही है ऐसे मे बेचारी छात्राओ के तो शौचालय नही होना एक अति भयंकर समस्या है क्योंकि सरकार एक और तो "बेटी बचाओ-बेटी पढाओ" का नारा देती है और दूसरी ओर रैणी की सरकारी कोलेज मे बेटियो के लिए शौचालय तक नही है।
रैणी कोलेज मे विधार्थी जब सब्जेक्ट चेन्ज कराने के लिए रैणी कोलेज इनचार्ज को अप्लिकेशन देते है तो रैणी कोलेज इनचार्ज अपने हस्ताक्षर कर पुन: उसी विधार्थी को उस अप्लिकेशन को दे देता है और बोला जाता है कि अब आप राजगढ कोलेज प्रिंसिपल के पास चले जाइये और 200/- की रसीद कटाने के बाद अपना सब्जेक्ट चेन्ज करा लिजिए जबकि राजगढ कोलेज रैणी से लगभग 20--25 किलोमीटर दूर है ऐसे मे विधार्थी को 200 रूपये की जगह 300 रूपये का खर्चा वहन करना पडता है और यदि विधार्थी को आते जाते समय कुछ हो भी जाता है तो इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा क्योंकि यह रसीद काटने काम तो रैणी कोलेज मे भी हो सकता है एक रसीद बुक राजगढ कोलेज से लेकर रैणी कोलेज मे भी रखी जा सकती है लेकिन इस समस्या पर भी कोई भी जिम्मेदार अधिकारी या जनप्रतिनिधी ध्यान ही नही दे रहा है।
इसी तरह से रैणी कोलेज मे उचित छत(फर्श) नही होने के कारण विधार्थियो को आए दिन सर्प , गोर्रा जैसे जहरीले जानवर दिखाई देते रहते है जिससे विधार्थियो व स्टाफ मे भी भय बना रहता है ऐसा ही शनिवार को देखा गया कि एक सर्प काफी देर तक छत से बाहर निकलता और अन्दर चला जाता जिसकी विधार्थियो ने वीडियोज भी बनाकर खूब सोशल मिडिया पर वायरल की है लेकिन इस समस्या पर भी किसी का ध्यान ही नही है।
छात्रप्रतिनिधी प्रतिक सैन ने मिडिया को बताया कि रैणी कोलेज मे ना तो पंखे ही है और ना ही फर्निचर की व्यवस्था है इसलिए सम्बन्धित जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधियो को इस कोलेज की समस्याओ पर भी ध्यान देना चाहिए। ये हाल है अलवर की रैणी तहसील मुख्यालय पर स्थित रैणी सरकारी कोलेज का।