शहीद जयसिंह बांगड़वा की राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि: 5 साल की बेटी निर्वी ने दी मुखाग्नि

11 माह पूर्व छोटे ने देश पर प्राण न्योछावर किये।जिस दिन प्रतिमा का अनावरण होना था उसी दिन बड़े भाई के शहीद होने का दुःखद समाचार मिला।दोनों की पत्नियां भी सगी बहिन।दोनों के पति देश को समर्पित।

Oct 22, 2022 - 02:09
Oct 22, 2022 - 02:11
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शहीद जयसिंह बांगड़वा की राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि: 5 साल की बेटी निर्वी ने दी मुखाग्नि

अंतिम दर्शन करती वीरांगना सोनू ने कहा बेटी निर्वी (गुड्डू) को भी आपकी तरह बनाऊंगी आर्मी ऑफिसर

उदयपुरवाटी (झुंझुनूं, राजस्थान/ सुमेरसिंह राव) तहसील के दुड़ियां गांव के शहीद जयसिंह बांगड़वा की राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई। शहीद का पार्थिव देह गुरुवार देर रात गुढा गोड़जी पहुंचा। शुक्रवार को संस्कार स्कूल गुढ़ा गोड़जी से दूड़ियां स्थित शहीद के पैतृक निवास तक शहीद के सम्मान में विशाल तिरंगा यात्रा निकाली गई। तिरंगा यात्रा का जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया।

सैनिक कल्याण राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा, सांसद नरेंद्र खीचड़, एडिशनल एसपी तेजपाल सिंह, सरपंच प्रतिनिधि प्रह्लाद बांगड़वा, उपखंड अधिकारी रामसिंह राजावत, तहसीलदार सुभाष स्वामी, डीवाईएसपी सतपाल सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष पवन मावंडिया, अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद ब्लॉक गुढ़ा गोड़जी के कैप्टन रामस्वरूप ढाका व परिषद के सदस्य, गुढा गोड़जी थानाधिकारी बंशीधर वर्मा, पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी, पूर्व उप जिला प्रमुख विद्याधर सिंह गिल,भाजपा युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष जय सिंह मांठ, कांग्रेस युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष सुधींद्र मुंड, पूर्व सरपंच एवं भाजपा किसान मोर्चा  जिला उपाध्यक्ष मूलचंद सैनी, कैलाश चंद बांगड़वा, सहित कई जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों ने शहीद की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित किए।

गुढा से दूड़ियां तक 4 किलोमीटर निकली शहीद के सम्मान में तिरंगा यात्रा

शुक्रवार को शहीद के सम्मान में 4 किलोमीटर तिरंगा यात्रा निकाली गई। तिरंगा यात्रा के दौरान रास्ते में झुंझुनू के इस लाडले को अंतिम विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़ पड़े। भारत माता के जयकारो से आसमान गूंज उठा। तिरंगा यात्रा का जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। तिरंगा यात्रा दूड़िया गांव के विभिन्न मार्गो से होती हुई आवास पर पहुंची। इस दौरान वीरांगना सोनू बेसुध हो गई सामाजिक रस्मो रिवाजों के बाद उनकी पार्थिव देह को अंत्येष्टि स्थल तक लाया गया। जयपुर से आई जाट बटालियन की टुकड़ी तथा पुलिस के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। 5 साल की बेटी नर्वी ने शहीद पिता को मुखाग्नि दी। इस दुखद घड़ी में हजारों आंखें नम हो उठी। नायब सूबेदार बीजू तथा नायब सूबेदार विजेंद्र ने शहीद के परिजनों को तिरंगा सौंपा।

दो भाइयों की शहादत की दास्तां

गौरतलब है कि दूड़िया गांव के ताराचंद बांगड़वा के दो बेटे और दो बेटियां थी। दोनों बेटे 2011 में एक साथ ही फौज में भर्ती हुए थे। इनमें से छोटे बेटे पिंटू बांगड़वा ने 11 माह पहले देश के लिए अपनी शहादत दी थी।

दूसरी बेटी जयसिंह की 19 अक्टूबर को सुबह बेंगलुरु की पैरा यूनिट में अचानक तबीयत बिगड़ी जिसके बाद उन्हें सेना के अस्पताल ले जाया गया जहां उनका निधन हो गया। बड़ी बहन बबीता की शादी हो चुकी है लेकिन छोटी बहन अंजू अभी अविवाहित है।CD

भाई की अंत्येष्टि स्थल के पास ही हुई दूसरे भाई के अंत्येष्टि 

दुड़िया के बांगड़वा परिवार के दो बेटों ने देश की रक्षा करते हुए अपनी शहादत दी है। दोनों भाइयों की अंत्येष्टि 11 माह के अंतराल में एक ही जगह हुई। शहीद के पिता ताराचंद बांगड़वा ने छोटे बेटे पिंटू के स्मारक के पास ही अपने बड़े बेटे जयसिंह की अंत्येष्टि की।

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