करीब आया मानसून: नगरपालिका फिर भूली शहर के नालों की सफाई करवाना
खैरथल (अलवर, राजस्थान/ हीरालाल भूरानी) खैरथल नगरपालिका प्रशासन मानसून पूर्व नालों और नालियों की विशेष सफाई अभियान चलाना भूल जाता है। पालिका की ओर से अभी तक नालों की सफाई करने की कोई कार्रवाई नहीं की है साथ ही टैंडर भी नहीं लगाए गए हैं। जिसके परिणामस्वरूप हर बार शहर के निचले इलाकों में हल्की बारिश होने पर पानी घरों में घुस जाता है और रास्ते नदी का रूप धारण कर लेते हैं। निचले इलाकों में स्वयं नगरपालिका भवन, पुलिस थाना,बस स्टैंड भी शामिल हैं जबकि पास ही अंबेडकर सर्किल भी पूरी तरह से टापू स बाढ़ जैसे हालात का सामना करना पड़ता है।
उधर, रेलवे स्टेशन के समीप सुभाष नगर सहित कई बस्तियों के नागरिकों को भी पानी में घिरे रहना पड़ता है। विभिन्न नागरिक संगठनों की ओर से हर बार नगरपालिका प्रशासन को बार - बार चेताने के बाद भी कोई असर नहीं होता है लेकिन अब जब खैरथल जिला बन गया है और आईएएस व आईपीएस अधिकारियों सहित कई जिला स्तरीय अधिकारियों के दफ्तर खुल गए हैं। साथ ही जिला स्तर के अधिकारियों के दफ्तर खुलने की तैयारी चल रही है तब नगरपालिका प्रशासन को भी अपनी जिम्मेदारियों का अहसास होना चाहिए। मानसून से पहले नालों की सफाई करवाने व नालों से अतिक्रमण हटाने के लिए नागरिक अधिकार समिति पहले ही मांग कर चुकी हैं। जिसमें उन्होंने नगरपालिका एवं जिला प्रशासन से पहले नालों की सफाई करवाने व नालों से अतिक्रमण हटाने की मांग की है।
इस संबंध में नगरपालिका खैरथल के अधिशाषी अधिकारी आशुतोष आचार्य ने बताया कि मानसून पूर्व नालों की सफाई अभियान के टैंडर की प्रक्रिया जारी है। शीध्र टैंडर लगाकर नालों की सफाई करवाई जाएगी। इसके अलावा नगरपालिका स्तर पर भी नालों की सफाई कराई जाएगी।
कई स्थानों पर नाले गंदगी से पूरी तरह अटे पड़े
वर्षों से एमडीआर नंबर 25 मातोर रोड अग्रसेन सर्किल, अंबेडकर सर्किल, सब्जी मंडी, किशनगढ़ रोड, जसोरिया कालोनी, खैरथल गांव आदि स्थानों पर बने नाले गंदगी से पूरी तरह अटे पड़े हैं। सफाई ठेकेदारों द्वारा नाम मात्र की नालों की सफाई कर इतिश्री कर ली जाती है। नालों की सफाई नहीं होने से बरसात के दिनों में नालों का कीचड़ युक्त पानी निचली बस्तियों एवं कालोनी में भर जाता है। जिससे कालोनियां जलमग्न एवं टापू बन जाती है। वहीं मकानों में पानी घुस जाता है। जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। नालों का कीचड़ युक्त पानी निचली बस्तियों में भरने से बीमारियों के फैलने की आशंका भी बनी रहती है। वहीं एमडीआर रोड नं 25 मातोर रोड अस्थाई बस स्टैंड पर बने नाले का रैंप सकरा होने से बरसात के मौसम में कई वार्ड जलमग्न हो जाते हैं।कई बार इस संबंध में नगरपालिका एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग को अवगत कराया गया परन्तु कोई कार्रवाई नहीं हुई।