नगर पालिका बनी राजनीति का अखाड़ा:22 महीने में बदले दस ईओ
वैर ,भरतपुर(कौशलेंद्र दत्तात्रेय)
नगरपालिका वैर में कांग्रेस का बोर्ड होने के बाद भी अधिशाषी अधिकारी की कुर्सी पर नजर लगी हुई है।
जिसका मुख्य कारण राजनीति व खजाना है। जिसका असर नगर पालिका के विकास कार्य पर पड़ रहा है। और लोगो के काम काज भी नहीं हो पा रहे हैं । आश्चर्य की बात यह है कि 22 महीने में 10 अधिशाषी अधिकारी नगरपालिका वैर के पद पर रहे। वो भी अतिरिक्त कार्यभार के रूप में । 13 जनवरी से 2 जून 2022 तक हनुमान शर्मा जो कि नगर परिषद दौसा से नगरपालिका वैर अधिशाषी अधिकारी पद पर रहे। उसके बाद 3 जून 2022 से योगेश कुमार पिप्पल भुसावर अधिशाषी अधिकारी पद पर कार्यरत थे जिसको बैर अधिशाषी अधिकारी का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया था। उसके बाद 4 जुलाई 2022 हलैना से नायव तहसीलदार ताराचंद सैनी को वैर नगरपालिका का अतिरिक्त कार्य भार दिया गया। 15 सितंबर से फिर योगेश कुमार पिप्पल को अतिरिक्त भार दिया गया था। उसके बाद 4 नवंबर को जयप्रकाश शर्मा जो कि वैर नायव तहसीलदार नगरपालिका वैर अतिरिक्त कार्य भार दिया था । 3 फरवरी से वैर पंचायत समिति विकास अधिकारी सुरेश बागोरिया को नगरपालिका वैर का अधिशाषी अधिकारी अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है ।इससे पहले 20 दिसंबर 2020 से 4 महीने के लिए योगेश पिप्पल को अतिरिक्त कार्यभार दिया गया ।उसके बाद 22 फरवरी 2021 को विजय प्रताप सिंह एवं अभय सिंह मीणा एवं फिर योगेश कुमार पिप्पल ने अतिरिक्त कार्यभार दिया गया । करीब 22 महीने में 10 अधिशाषी अधिकारी अतिरिक्त कार्यभार के रूप में वैर अधिशाषी अधिकारी पद पर रहे, जिसको लेकर नगर पालिका क्षेत्र में कोई भी विकास कार्य नहीं हो रहे हैं।कस्बे वासियों ने बताया कि हर 2 महीने मे नगरपालिका बैर अधिशासी अधिकारियों का आना-जाना बना रहा। नगरपालिका का काम काज उनकी समझ में आता तब तक उनका ट्रांसफर कर दिया जाता था । राज्य सरकार अधिशाषी अधिकारियों की तबादले में लगी हुई है ।वही नगर पालिका क्षेत्र के लोग विकास कार्य को तरस रहे हैं, जबकि वैर नगरपालिका भरतपुर जिले में सबसे पुरानी नगर पालिका है लेकिन आज जो जिले में नगरपालिका नई बनी है उनकी तुलना में वैर नगरपालिका काफी पिछड़ी हुई है ।
ज्यादातर अधिशासी अधिकारी योगेश कुमार पिप्पल वैर नगर पालिका में कार्यवाहक के रूप में पदस्थापित रहे । 2020 से आज तक अधिशासी अधिकारी अतिरिक्त कार्यवाहक के रूप में पदस्थापित रहे है। नगरपालिका वैर का विकास कार्य अधिशासी अधिकारियों के तबादलों में ही सिमट कर रह गया।