बजरंग दल पदाधिकारी परमार की हत्या का खुलासा: गिरफ्तार आरोपी ने पूछताछ में खोले राज
उदयपुर (राजस्थान/मुकेश मेनारिया) जिले के अंबामाता थाना इलाके में हुई बजरंग दल पदाधिकारी राजू परमार की हत्या के मामले में पुलिस ने फरार चल रहे मुख्य आरोपी प्रितम सिंह उर्फ बंटी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के कब्जे से एक पिस्टल और सात जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए हैं। पूछताछ में आरोपी ने कई अहम खुलासे किए और हत्या में शामिल अन्य आरोपियों को भी चिन्हित किया है।
एसपी विकास शर्मा ने बताया कि राजु परमार के हत्या की साजिश जेल में बंद कुख्यात अपराधी दिलीप नाथ ने रची थी। इसके लिए दिलीप ने प्रितप सिंह और विजय मीणा को घर और पैसों का लालच दिया और पारिवारिक समारोह में भी आर्थिक मदद करने का भरोसा दिया था। इसके बाद प्रितम और विजय ने मिलकर राजू की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस हत्या में शामिल विजय को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। अब पुलिस ने केवड़े की नाल से प्रितम को भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को देख उसने भागने की कोशिश की और वह पहाड़ी से नीचे कूद गया। जिससे उसके पैर में चोट लग गई और वह घायल हो गया।
दिलीप नाथ से था विवाद - एसपी शर्मा ने बताया कि राजू परमार और दिलीप नाथ के बीच जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। दोनों ने थाने में एक-दूसरे के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी। इसका बदला लेने के लिए दिलीप ने राजू की हत्या की साजिश रची थी। दिलीप उदयपुर की जेल में रह कर मोबाइल का उपयोग कर रहा था। पुलिस ने उसकी बैरक से मोबाइल जब्त किया था, जिसके बाद उसे अजमेर जेल में शिफ्ट कर दिया था।
आरोपियों ने हत्या के बाद पुलिस का ध्यान भटकाने के लिए भी पूरी प्लानिंग कर रखी थी। प्रितम ने प्लान के तहत फेसबुक पर अपने मामा की जमीन कब्जा करने के कारण राजू की हत्या करने की जिम्मेदारी ली। यह सब इसलिए किया गया ताकि दिलीप नाथ की तरफ पुलिस का ध्यान नहीं जाए।
लगातार कर रहे थे रैकी - एसपी शर्मा ने बताया कि राजू की हत्या को अंजाम देने के लिए आरोपियों ने कई बार राजू की रैकी की। कई बार राजू का पीछा करने के बाद उन्हें उसे मारने का मौका नहीं मिला, लेकिन 7 फरवरी को मौका मिलते ही उन्होंने राजू के गोली मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई।