भागवत कथा मे ध्रुव चरित्र, जड़ भरत व शिव सती चरित्र की कथा का प्रसंग सुनाया
सकट (अलवर, राजस्थान /राजेंद्र मीणा) जोनेटा गांव की हरी-भरी पहाड़ियों के बीच स्थित मनसा माता मंदिर पर मनसा माता ग्राम विकास समिति एवं ग्रामीणों के सहयोग से चल रहे नव दिवसीय शतचंडी महायज्ञ एवं श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दौरान शनिवार को कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं को प्रवचन देते हुए कथावाचक संत रामतारा दास महाराज बनारसी ने कहा कि मनुष्य के लिए दीन दुखियों की सेवा करने से बड़ा कोई धर्म नहीं है। ईश्वर दीन हीन व असहाय व्यक्तियों की झोपड़ी में निवास करता है। किसी भी संकट से बचने के लिए ईश्वर का स्मरण करना चाहिए। उन्होंने कथा के तीसरे दिन ध्रुव चरित्र जड़ भरत व शिव सती चरित्र की कथा का प्रसंग सुनाया। वही कथा के दौरान बीच-बीच में गाए गए भजनों पर महिला श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया व तालियां बजाकर भगवान के जयकारे लगाए। वही यज्ञाचार्य पं भगत शरण शास्त्री के द्वारा शतचंडी महायज्ञ में यजमानों से वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच शुद्ध गाय के घी एवं हवन सामग्री की आहुतियां दिलवाई। यज्ञ कमेटी के पदाधिकारी मनोहर लाल शर्मा ने बताया कि महायज्ञ एवं कथा का समापन पूर्णाहुति व भंडारे के साथ 3 फरवरी को होगा। कथा के मौके पर सरपंच मुकेश मंडावरी, भागीरथ मीणा, बिहारी वैध, प्रभु दयाल शर्मा, बद्री प्रसाद बैंसला, श्याम जोनेटा, रिंकू सेन, बाबूलाल मीणा, मुकेश शर्मा, गोपाल प्रसाद लाटा, हरिशंकर जैमन, बाबूलाल चौबे, पप्पू सोनी, छोटेलाल आलबादी सहित अन्य ग्रामीण मौजूद थे।