राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के बैनर तले सामाजिक समरसता संगोष्ठी आयोजित
महुआ,दौसा (अवधेश कुमार अवस्थी)
महुआ 13 अप्रैल महुआ उपखंड मुख्यालय के आदर्श विद्या मंदिर माध्यमिक विद्यालय महुआ में गुरुवार को राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के बैनर तले भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर सामाजिक समरसता संगोष्ठी आयोजित की गई
कार्यक्रम के दौरान जिला महाविद्यालय विद्यार्थी कार्य प्रमुख रवि शंकर शर्मा ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत रत्न संविधान निर्माता युग दृष्टा विश्व में ज्ञान के प्रतीक बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की 132 वी जयंती के उपलक्ष में सर्व समाज बाबा साहब के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 14 अप्रैल 1891 महू मध्य प्रांत में श्री रामजी मलोजी सकपाल और माता भीमाबाई के घर इनका जन्म हुआ 7 नवंबर उन्नीस सौ में रामजी सकपाल ने सातारा की गवर्नमेंट हाई स्कूल में अपने बेटे का दाखिला करवाया जिसमें आंबेडगाव का हवाला देते हुए इनका नाम विवाह रामजी आंबेडकर दर्ज करवाया उनकी बहुमुखी प्रतिभा को पहचान चुके ब्राह्मण शिक्षक ने उनके नाम के पीछे अपना नाम आंबेडकर जोड़ा विद्यालय में पग-पग पर अपमान और अस्पृश्यता का दंश झेलते हुए इन्होंने मानव मात्र के लिए कलंक छुआछूत को गुलामी से भी बदतर माना बाबा साहब का जीवन सरल ताऊ का शुभम पथ नहीं है यह बार-बार अपमान के चिंगारियां प्रताप का और जगह-जगह सम्मान के सीटों से शांत होता है ऐसा विराट व्यक्तित्व है जो दृढ़ता के साथ विपरीत अनुभव को सहते हुए आगे बढ़ते हैं उन्होंने मूल मंत्र दिया शिक्षित बनो संगठित रहो संघर्ष करो ।तथा यह भी कहा कि शिक्षा वह शेरनी का दूध है जो पियेगा वह भरेगा उनका मानना था कि शिक्षा शोषण से मुक्ति का मार्ग है अतः समाज में जो पीड़ित शोषित घटक है उनके अवस्था को मिटाने वाला अचूक उपाय शिक्षा है उनकी दृष्टि में समाज में जो पद दलित हैं उनकी आत्मा निर्भरता और आत्मसम्मान का आंदोलन शिक्षा है समाज के निम्न स्तर में उठाने के लिए शिक्षा और शिक्षा में आरक्षण इस तरह के दोहरे उपायों की जरूरत वह मानते थे ।आज हम सभी को उनके विचारों को अपनाने की आवश्यकता है ।महापुरुषों को हमने समाज विशेष के साथ जोड़ दिया जो गलत है ।संपूर्ण मानव समाज इस महापुरुष का ऋणी है ।जिन्होंने मानव मात्र के कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया बाबा साहब को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम उनके विचारों को जीवन में अपना ते हुए आने वाली पीढ़ियों में प्रसारित करें उनके अनुरूप आचरण करें
इस अवसर पर कालूराम मीणा, महेश वर्मा, प्रताप सिंह,अवधेश शर्मा, विजय राम कश्यप, रामबाबू शर्मा, रामकिशन मीणा,दिनेश सैनी, दीपक मित्तल, हरि ओम दुल्हापुरा, चैतन्य जी, राजेश जी लखेरा, हुकमचंद शर्मा ,श्यामसिंह गुर्जर, , प्रभु दयाल शर्मा, राजेश पाखर, अवधेश अवस्थी, दयानंद पंचोली, नरेंद्र गॉड, नेतराम रेबारी, शिवरतन शर्मा, विशेष पाराशर, पुरुषोत्तम कटारिया, आदि मौजूद थे।