मौसम परिवर्तन से बढ़ रहे है रोगी, डॉक्टर के कमरों के बाहर लगती हैं लाइन
गुढ़ागौड़जी/ दिनेश जाखड़
मौसम बदलाव के कारण अस्पताल में बढ़ रहे हैं रोगी। मौसम के तापमान में अंतर बढ़ते ही मौसमी बीमारियां लोगों को घेरने लगी हैं। मौसम में आए परिर्वतन से खांसी, सर्दी, जुकाम व बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। खास बात ये है कि सप्ताह भर तक रोगी ठीक नहीं हो रहे है। गुढ़ागौड़जी के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ओपीडी डेढ़ गुना तक बढ़ गई है। पंजीकरण काउंटर से लेकर चिकित्सक के कमरे के बाहर मरीजों की भीड़ लगी रहती है। मरीज इलाज के लिए कई घंटे लाइनों में खड़े रहते हैं। मौसम परिवर्तन से पहले ओपीडी 500 से 600 तक हुआ करती थी। लेकिन अब 900 से 1000 तक पहुंच गई है।
डॉक्टर जगेंद्र गढ़वाल का कहना है कि इस मौसम में लोग सावधानियां बरते और बीमार होने पर चिकित्सक की सलाह लेकर ही दवा लें।
बढ़ रहा है संक्रमण का खतरा
दिन-रात के तापमान में परिर्वतन से संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। बच्चों से लेकर बड़ों में सर्दी, जुकाम, बुखार, पेट दर्द, दस्त, उल्टी, अस्थमा की शिकायत बढ़ी है। दिन में गर्मी होने से लोग गर्म कपड़े पहनने से लेकर खान-पान का ध्यान नहीं रखते। शाम के समय अचानक से तापमान कम होने से अस्थमा रोगियों को परेशानी अधिक हो रही है। इस मौसम में हृदय संबंधी परेशानी भी हो रही है। जिसके चलते लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं। इस वक्त रात का तापमान करीब 15-20 डिग्री सेल्सियस चल रहा है, जबकि दिन का तापमान 30-35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। दिन और रात के तापमान में अधिक अंतर होने से बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए परेशानी का कारण बन गया है। मेडिसन वार्ड, बाल रोग विशेषज्ञ व अन्य चिकित्सकों के कमरे के बाहर मरीजों की लंबी लाइनें लग रही हैं। मरीजों में बच्चों की संख्या अधिक है।
सेहत पर ध्यान देने की अधिक आवश्यकता
प्रभारी अधिकारी व बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. डॉक्टर मोहन सोकरिया का कहना है कि मौसम बदल रहा है। इस वक्त लोगों को सेहत पर ध्यान देने की अधिक आवश्यकता है। बदलते मौसम में हृदय संबंधी परेशानियां बढ़ सकती हैं। इसलिए सावधानी रखें और सुरक्षित रहें। ठंड में शरीर की नसों में संकुचन होता है, जिससे खून का संचार बाधित होता है। सीने में दर्द, बीपी बढ़ना-घटना व हृदयाघात का खतरा बढ़ जाता है। बीमारियां फैलने का मुख्य कारण मौसम का परिवर्तन होना है। लोग सावधानी बरतें और बीमार होने की स्थिति में चिकित्सक की सलाह ले।
मरीजों की जुबानीं- 20 से 30 रोगी भर्ती
मौसम परिवर्तन के साथ बढ़ रहे रोगियों में कईयों को भर्ती भी करना पड़ रहा है। इनमें उल्टी व फीवर के रोगी अधिक है। गुढ़ागौड़जी निवासी रेणु ने बताया कि बच्चे की तबियत में सुधार नहीं हुआ तो अस्पताल में आये। तबियत नासाज होने पर भर्ती किया गया है।
कुछ इसी प्रकार की स्थिति हुक्मपुरा निवासी राधेश्याम की भी है। बुखार के साथ शरीर मे दर्द होने लगा। उसने बताया कि डॉक्टर की सलाह ली गई तो भर्ती किया गया है। ड्रिप आदि लगाई जा रही है।