आजादी के 75 वर्ष बाद भी पीने के पानी को तरसते है डांग क्षेत्र के लोग
बयाना (भरतपुर, राजस्थान) वैसे तो आज देशभर में विश्वजल दिवस मनाया जा रहा है सरकारें भी विभिन्न आयोजन कर रही है। जमीनी हकीकत देंखे तो बयाना उपखंड के डांग क्षेत्र के ग्रामीण आज भी पेयजल संकट से जूझ रहे है। कुछ गांव तो ऐसे है कि वहां के ग्रामीणों को वहां के डांग क्षेत्र से सटी उत्तरप्रदेश की सीमा के गांवों से पीने का पानी लाना पडता है।
पहाडी इलाका होने से जलजीवन मिशन और घर घर नल व पनघट योजना या भूमिगत पाईपलाइन जल योजना जैसी योजनाऐं उनके लिए केवल सपना या कागज पर लिखी लकीरें जैसी है। डांग क्षेत्र क गांव पटपरी पुरा निवासी महिला रेणु राजौरा सहित अन्य महिलाओं व ग्र्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में एक मात्र पुराना कुआ है जिसका पानी गर्मी आते आते सूख जाता है। ऐसी स्थिती में उनके गांव के ग्रामीणों को गर्मी में अपनी प्यास बुझाने के लिए सीमावर्ती उत्तरप्रदेश के गांवों से 2 से 4 किलोमीटर तक पैदल चलकर पानी लाना पडता है।