प्री प्राइमरी में निशुल्क प्रवेश को लेकर निजी विद्यालय और अभिभावक को परेशानी का करना पड़ रहा सामना
रामगढ ,अलवर (राधेश्याम गेरा)
निशुल्क शिक्षा का अधिकार के अंतर्गत निजी स्कूल संचालको द्वारा 2012 से कक्षा एक से 25 प्रतिशत जरूरत मंद बच्चों को प्रवेश देकर शिक्षा दी जा रही है।जिसमें निशुल्क शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों के शुल्क का पुनर्भरण सरकार द्वारा किया जा रहा है। हाल ही में हाई कोर्ट के आदेश पर सरकार ने प्री प्राइमरी के बच्चों को भी निशुल्क शिक्षा का अधिकार के अन्तर्गत शामिल करते हुए निजी स्कूल संचालको को प्री प्राइमरी कक्षा में निशुल्क शिक्षा देने के आदेश जारी कर दिए और प्रवेश लेने वाले बच्चों की लाॅटरी निकाल सम्बधित स्कूलों को सूची जारी कर दी ।
लेकिन निजी स्कूलों द्वारा दी जा रही निशुल्क शिक्षा में प्रवेश लेने वाले बच्चों की फीस के पुनर्भरण की गारंटी नहीं दी जिससे निजी स्कूल संचालको के सामने बच्चों की शिक्षा के लिए लगाए जाने वाले अधध्यापकों के वेतन व अन्य खर्चों का संकट दिखने लगा।
इसे देखते हुए रामगढ क्षेत्र के निजी स्कूल संचालक, स्कूल शिक्षा परिवार जयपुर के प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा के निर्देशानुसार निशुल्क प्रि प्राइमरी शिक्षा में प्रवेश लेने वाले बच्चों के अभिभावकों से इस आशय का शपथ पत्र ले रहे हैं। यदि सरकार भविष्य में पुनर्भरण राशि का भुक्तान नही करती है तो संबंधित अभिभावक फीस जमा कराने के लिए बाध्य रहेगा।
जो अभिभावक शपथपत्र नहीं दे रहे उनके बच्चों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा।
दूसरी तरफ अभिभावक इस शपथ पत्र को देने में असहमति जता रहे हैं। ऐसे में स्कूल संचालकों और अभिभावकों के सामने समस्या हो रही है। शपथपत्र नहीं देने के कारण प्रवेश लेने से वंचित बच्चे माध्व सिंह, कुमारी रितिका, कुमारी भावना,कुमारी चित्रलेखा,कुमारी नंदनी,के अभिभावक बाबूलाल मीणा,पुष्पा,धर्मवीर,तिलक,
श्रीमति मीना,श्रीमति जसवंती जाटव निवासी दोहली, अभिभावकों ने मुख्य ब्लाक शिक्षा अधिकारी रामगढ़ और जिला कलेक्टर अलवर को बिना शपथपत्र बच्चों के प्रवेश दिलाने की मांग की है।
इस बारे में अतिरिक्त ब्लाक शिक्षा अधिकारी रमेश गांधी ने बताया कि हमारे पास पांच बच्चों के अभिभावकों ने दो स्कूल संचालको के खिलाफ शिकायतें दी हैं जांच की जा रही है। उसके बाद जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भिजवा दी जाएगी।