सावित्री बाई फूले का महिला शिक्षा के क्षेत्र में योगदान सराहनीय: माली
गुरला (भीलवाडा,राजस्थान/ बद्रीलाल माली) तमाम भारतीय दलित महिला आंदोलन के साथ-साथ महात्मा ज्योतिराव फूले के लिए भी सावित्री बाई फूले का योगदान सराहनीय रहा। सावित्री बाई फूले देश में महिला शिक्षा की अग्रदूत है भारत में प्रथम महिला शिक्षिका के रूप में ख्यात सावित्री बाई फूले आज के इस दौर में भी महिलाओं के लिए प्रेरणा का बड़ा अध्याय है। यह विचार फूले सेवा संस्थान के अध्यक्ष गोपाल लाल माली ने सावित्री बाई फूले की 126वीं पुण्यतिथि पर आयोजित ‘‘आज के दौर में क्यों प्रासंगिक है सावित्री बाई फूले’’ संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कहे।
आज के समारोह के मुख्य अतिथि महात्मा ज्योतिबा फूले राष्ट्रीय जागृ ितमंच के अध्यक्ष मोतीलाल सांखला थे। सांखला ने संगोष्ठी में पुरजोर शब्दों में महिला प्रेरणा की इस सब से बड़े अध्याय की वकालत करते हुए सावित्री बाई फूले को भारत रत्न से अलंकृत करने की मांग की। सावित्री बाई फूले की शिक्षाओं को जीवन में उतार कर एवं उन पर अमल करने पर जोर दिया तथा शिक्षा क्षेत्र में हालही हो रहे आमूलचूल परिवर्तनों को भी अपनाने की बात कही।
कार्यक्रम के पूर्व फूले के अनुयायियों द्वारा देवरिया बालाजी के पास स्थित महात्मा ज्योतिबा फूले मूर्ति परिसर में सावित्री बाई फूले के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धाजंली दी। इस अवसर पर माली सैनी महासभा के जिला कार्यकारी अध्यक्ष भैरूलाल माली, फूले सेवा संस्थान के कोषाध्यक्ष शंकर लाल गोयल, युवा महासभा के जिलाध्यक्ष हरनारायण माली, जिला महामंत्री योगेश गहलोत, जिला मंत्री मुरलीधर सैनी, माली सैनी कर्मचारी संस्थान के सचिव कन्हैयालाल बुलिवाल, नानूराम गोयल, सत्यनारायण डाबला, सोहनलाल रागस्या, देबीलाल माली, रमेश सांखला, रोशन माली, चौथमल माली, कई लोग उपस्थित थे।