बिजली संकट के चलते बांग्लादेश में मोमबत्तियां जलाकर काम चला रहे दुकानदार
बांग्लादेश
बांग्लादेश में आर्थिक संकट गहराता जा रहा है महंगाई की मार झेल रही जनता को बिजली भी नहीं मिल पा रही है इसीलिए सरकार ने बिजली बचाने के लिए एक फैसला किया है जिसके तहत स्कूल और ऑफिस के समय में कटौती की है देश पेट्रोल और डीजल के संकट से जूझ रहा है और डीजल से चलने वाले बिजली पावर प्लांट्स को बंद करना पड़ गया है
बांग्लादेश के नेशनल पावर ग्रिड में खराबी के कारण देश के ज्यादातर हिस्सों में मंगलवार को बिजली गुल रही। सरकारी बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि देश के पूर्वी हिस्से में कहीं न कहीं बिजली ट्रांसमिशन फेल रहा।
बिजली विभाग के प्रवक्ता शमीम हसन ने कहा कि ढाका और अन्य बड़े शहरों में सभी बिजली संयंत्र ठप्प हो गए जिससे बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। उन्होंने कहा कि इंजीनियर यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि खराबी कहां और क्यों हुई तथा बिजली आपूर्ति को बहाल करने में घंटों का समय लग सकता है। बांग्लादेश के हालिया प्रभावशाली आर्थिक विकास को बिजली की कमी से खतरा है क्योंकि सरकार ने डीजल से चलने वाले सभी बिजली संयंत्रों के संचालन को निलंबित कर दिया है ताकि आयात पर होने वाले खर्च में कमी लाई जा सके।
बांग्लादेश गारमेंट मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष फारुक हसन ने कहा कि स्थिति इतनी गंभीर है कि कपड़ा कारखाने, अब दिन में लगभग 4 से 10 घंटे बिजली के बिना काट रहे हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कपड़ा निर्यातक है, और यह हर साल परिधान उत्पादों के निर्यात से अपनी कुल विदेशी मुद्रा का 80% से ज्यादा कमाता है। पिछले महीने, एशियन डेवलपमेंट बैंक ने एक रिपोर्ट में कहा था कि बांग्लादेश की आर्थिक ग्रोथ चालू वित्त वर्ष में अपने पिछले पूर्वानुमान 7.1% से धीमी होकर 6.6% हो जाएगी। सुस्त निर्यात मांग, घरेलू विनिर्माण बाधाओं और दूसरे कारण कमजोर उपभोक्ता खर्च मंदी के पीछे है।