रामगढ़ विधानसभा मे किसानो की बैठक मे लगा नारा: ईआरसीपी योजना लागू नही तो वोट नहीं
रामगढ,अलवर(राधेश्याम गेरा)
रामगढ पंचायत समीति क्षेत्र के कस्बा अलावडा में समाजसेवी और किसान हितेशी ताहिर भाई के घर आज ईआरसीपी योजना की डीपीआर योजना में संशोधन कर अलवर जिले की रुपारेल नदी सहित सभी नदी नालों को शामिल कराने की मांग और ईआरसीपी योजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर चम्बल का समुद्र में जाने वाले 75% पानी को राजस्थान के 13 जिले के किसानों को सिचाई के लिए दिए जाने की मांग को लेकर बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में आए राष्ट्रीय संयुक्त किसान मोर्चा सदस्य सुरेश कोथ और तेजवीर सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज से 30 वर्ष पहले क्षेत्र में 5 से 10 फुट की गहराई पर पानी मिल जाता था और आज 300 फुट नीचे भी नहीं है आने वाले 30 वर्ष बाद पानी के अभाव में किसानों को अपनी जमीन औने पौने दाम में बेचकर प्लायन करना पडेगा या बडे उद्योगपतियों के यंहा नौकरी करनी पडेगी।
आज बरसात का 75% पानी चम्बल नदी के मार्फत समुद्र में चला जाता है। यदि इसका 50 % पानी राजस्थान के 13 जिलों के किसानों को सिचाई और पीने के लिए मिल जावे तो हर हाथ को काम मिलेगा। जिससे उद्योग धंधे भी तेजी से चलेंगे। साथ साथ किसान और मजदूर भी सम्पन्न होगा। यदि केन्द्र सरकार ईआरसीपी योजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करती है ।
एक तरफ आर एस एस वाले नारा देते हैं कि जो हिन्दू हित की बात करेगा वही देश पर राज करेगा। जबकि ईआरसीपी योजना के लागू ना होने से 13 जिलों के 95% हिन्दू ही प्रभावित हो रहा है। आज हम जाती,धर्म और पूंजी (जेडीपी) में जकडे हुए हैं।
तेजवीर सिंह ने एक नारा दिया कि हिन्दू करे पुकार ईआरसीपी योजना लागू करे आर एस एस सरकार। और कहा संगठन के आगे सरकार को झुकना पडेगा चाहे राज्य सरकार हो या केन्द्र सरकार। आप अपने इस संघर्ष को सोशियल मीडिया पर भी जारी रखें। ट्वीटर और इंस्टाग्राम के माध्यम से केन्द्र और राज्य सरकार के नेताओं से सवाल पूछते रहें ईआरसीपी योजना कब लागू हो रही है।
साथ ही हलेना से आए किसान नेता इन्दलसिंह जाट ने मौजूद किसानों से नारा लगवाया ईआरसीपी योजना को नहीं तो वोट नहीं। जनहित के मामले में जाति धर्म को आडे़ नहीं लाना चाहिए साथ ही किसानों से कहा कि भाजपा और कांग्रेस पार्टी ने किसानों को जातियों में बांट फूट डालने का कार्य कर रखा है ।जिससे नफरत का वातावरण बढ रहा है।
जबकि आपको जातियों में ना बट सबको एकजुट रहते हुए ईआरसीपी योजना लागू कराने के लिए जी जान लगा देनी है। साथ ही
गांव में किसी भी पार्टी का नेता आवे आप लोग उनसे एक ही सवाल दोहरावें की ईआरसीपी योजना कब लागू हो रही है और ईआरसीपी योजना की डीपीआर में संशोधन कर अलवर जिले के सभी नदी नालों को कब शामिल किया जा रहा है।
इस दौरान चढूनी किसान युनीयन के प्रदेश अध्यक्ष महावीर गुर्जर,जिला अध्यक्ष विरेन्दर मोर, पूर्व सरपंच कमल चंद, हरियाणा से आए मौलाना हनीफ खान और डीग से आए किसान नेता मोहनसिंह गुर्जर ने भी अपने अपने विचार रखे और ही इस ईआरसीपी योजना लागू कराने की मांग को लेकर किसान आंदोलन को राजस्थान के 13 जिलों के किसानों को एक मंच पर एकत्र कर बडा आंदोलन करने पर विचार विमर्श किया गया।
इस दौरान राष्ट्रीय संयुक्त किसान मोर्चा सदस्य सुरेश कोथ,तेजवीर सिंह,प्रदेश अध्यक्ष महावीर गुर्जर, जिला अध्यक्ष विरेन्दर मोर, डीग से मोहनसिंह गुर्जर, हलेना भरतपुर से ईन्दलसिंह जाट,पूर्व कोमल सरपंच,हरियाणा से मौलाना हनीफ, रामगढ कालेज प्रेसीडेंट मुनफेद खान,ताहिर भाई,बने खां,लौदपुरी के हनीफ खान,आसीन खान सहित अनेक किसान मौजूद रहे।