सरकारी रकम बर्बाद करने वाले अधिकारी लगा रहे स्वच्छता का नारा: गंदगी से बजबज आ रहे गांव
सेवा से बर्खास्त करना तो दूर नहीं हुआ निलंबन पंचायत विभाग के अधिकारी निरंकुश सफाई कर्मियों के वेतन भी नहीं रोक सके
अधिकारियों के कारनामों पर यदि योगी सरकार ने जांच कराई तो कई अधिकारियों की बढ़ सकती हैं मुसीबत
कौशाम्बी (उत्तरप्रदेश/ शशि जायसवाल) स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत स्वच्छता मिशन में करोड़ों की रकम सरकारी खजाने से खर्च करने के बाद गांव की हालत बदतर बनी हुई है जिले के अधिकतर गांव में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है योजना से जुड़े अधिकारी लगातार स्वच्छता मिशन की सफलता का ढिंढोरा पीट रहे हैं आए दिन कार्यक्रम आयोजित कर स्वच्छता अभियान की सफलता पर बड़े बड़े भाषण दिए जा रहे हैं जबकि हकीकत इससे बहुत दूर है गांव-गांव भीषण गंदगी व्याप्त है जिले में साफ सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है आधे से अधिक सफाई कर्मी गांव में सफाई करने नहीं जाते हैं कुछ सफाई कर्मी अपने स्थान पर दैनिक मजदूरों की ड्यूटी लगा कर महीने में कुछ दिन गांव की सफाई करा देते हैं डियूटी ना देने वाले सफाई कर्मियों की फर्जी उपस्थिति दर्ज कर सफाई कर्मचारियों को प्रत्येक महीने करोड़ों का भुगतान भी किया जा रहा है स्वच्छता अभियान में अधिकारियों की कारगुजारी बेहद चौंकाने वाली है
एक तरफ मोदी और योगी सरकार स्वच्छ भारत अभियान में जोर लगा रही है दूसरी तरफ उन्ही के अधिकारी स्वच्छता अभियान को पलीता लगाने में लगे हैं शिकायत करने के बाद भी अधिकारी गंभीर नहीं हो रहे हैं जिससे यह योजना केवल खाने कमाने का साधन बनकर रह गई है जिले के नेवादा विकासखंड क्षेत्र के दरहा ग्राम पंचायत में कई महीनों से सफाई कर्मी गांव नहीं पहुंचा है ग्रामीण कई महीने से बार-बार गांव में व्याप्त गंदगी की शिकायत अधिकारियों से कर रहे हैं लेकिन उसके बाद भी निरंकुश सफाई कर्मी के कारनामे पर अंकुश नहीं लग सका है इतना ही नहीं पंचायत विभाग के अधिकारी निरंकुश सफाई कर्मियों के वेतन को भी नहीं रोक सके हैं जिस सफाई कर्मी को सेवा से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए उसका अभी तक निलंबन भी नहीं हुआ है जिससे अधिकारियों की मंशा बहुत कुछ कह रही है स्वच्छ भारत अभियान को पलीता लगाकर सरकारी रकम बर्बाद करने वाले अधिकारियों के कारनामों पर यदि योगी सरकार ने जांच कराई तो कई अधिकारियों की मुसीबत बढ़ सकती है लेकिन क्या योगीराज में चौपट सफाई व्यवस्था के मामले में निष्पक्ष तरीके से जांच हो पाएगी इस पर सवाल गांव की जनता खड़ा कर रही है