स्वराज संदेश एवं संवाद पदयात्रा पहुँची भीलवाड़ा
भीलवाड़ा ( राजस्थान/राजकुमार गोयल) आचार्य विनोबा भावे की जयंती 11 सितंबर से प्रारंभ होकर महात्मा गांधी जयंती 2 अक्टूबर को बांसवाड़ा से जयपुर पहुंचने वाली स्वराज संदेश एवं संवाद पदयात्रा आज भीलवाड़ा पहुंची, बांसवाड़ा जिले की वागधरा संस्था के बैनर तले निकाली जा रही इस यात्रा के आयोजक जयेश जोशी ने आज प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि यह यात्रा आदिवासी क्षेत्र की जीवन शैली में स्वराज की विचारधारा पर आधारित सच्ची खेती सच्चा बचपन एवं सच्चा स्वराज के संदेश एवं संबंधित पद्धतियों को दूरदराज के क्षेत्रों में पहुंचाने के उद्देश्य से आयोजित की गई है जोशी ने कहा कि गांधीजी के स्वराज के सपने के विरुद्ध आज व्यापारियों ने मुख्य नीतियों के कारण देश में संकटग्रस्त वंचित एवं आदिवासी समुदाय अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ते हुए किसी प्रकार अपनी परंपराओं को बचाने की जुगत में लगा हुआ है स्वराज को सही मायने में जीते हुए आदिवासी व कृषक समुदाय ने सदियों से आज तक प्राकृतिक संसाधनों का प्रतिरक्षण किया है तथा जीवन मूल्यों को समाज के लिए जीवित रखा है आजादी के 75 वर्ष के पश्चात भी यह अति दुखद है कि प्रकृति के रक्षक अन्नदाता और हमारी ग्रामीण संस्कृति के संवाहक आज भी बुनियादी खुशियों तथा स्वस्थ विकास से वंचित हैं जोशी ने पदयात्रा के मूल उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आदिवासी जीवन शैली को स्वराज से जोड़कर गांधीजी के सिद्धांतों को आम जनता तक पहुंचाना ही इस पद यात्रा का उद्देश्य है और उन्होंने आज के हालात में गांधी जी के सिद्धांतों को प्रासंगिक बताते हुए कहा कि आज गांधी के देश में देश की सियासत अपने मूल सिद्धांत व आदर्शों से भटक गई है इसलिए जनजीवन की खुशहाली के लिए फिर से आमजन को गांधीवादी सिद्धांतों पर आना पड़ेगा, जोशी ने बताया कि पदयात्रा में डेढ़ सौ से ज्यादा सामाजिक कार्यकर्ता सम्मिलित है और प्रतिदिन 20 से 25 किलोमीटर की यात्रा तय की जा रही है 2 अक्टूबर को जयपुर पहुंचने पर समापन समारोह आयोजित किया जाएगा । पत्रकार वार्ता में स्थानीय गांधी जीवन दर्शन समिति के ताहिर हुसैन एवं मुस्ताक मंसूरी विशेष रूप से उपस्थित थे ।