वैध-अवैध के झोल में उलझा सांसद पर पथराव का मामला, खनिज विभाग का दावा वैध लीज में थी मशीनें
- विस्फोटक सामग्री मिलने की बात को भी अधिकारियों ने नकारा - मजदूर की मौत की तरह सांसद के दौरे को भी सरकारी मशीनरी ने उलझाया वैध-अवैध के झोल में उलझा सांसद पर पथराव का मामला, खनिज विभाग का दावा वैध लीज में थी मशीनें
पहाड़ी / भगवानदास - नांगल क्रशर जोन में अवैध खनन की शिकायत पर गुपचुप दौरा करने पहुंची भरतपुर सांसद रंजिता कोली के काफिले पर पथराव का मामला भी वैध-अवैध खनन के झोल में फंसता नजर आ रहा है। सांसद ने जहां उक्त इलाके में बड़े पैमाने पर संगठित रुप से अवैध खनन होने का दावा किया था वहीं खनिज विभाग के अफसरों ने अपनी जॉच रिपोर्ट में कहा है कि सांसद को जो मशीनें मिली वह वैध खनन इलाके में थी। अधिकारियों को वहां कोई अवैध विस्फोटक सामग्री भी नहीं मिली। हालांकि पथराव मामले के बाद मौके पर रातभर मशीनों की निगरानी के लिए पुलिस बल तैनात किया गया था, दो जे.सी.बी, दो ड्रिल मशीनों को पुलिस की निगरानी में रखा गया। रविवार रात व सोमवार को खनिज विभाग के अधिकारियों ने पहुंचकर मौका स्थिति देखी। डीग के ए.एस.पी रघुवीर सिंह कविया व सी.ओ प्रदीप कुमार यादव ने पहाड़ी पहुंच कर मामले की जानकारी ली।
रविवार को आमजन व समाजिक कार्यकर्ता विजय मिश्रा की शिकायत पर सांसद रंजिता कोली ने खनन इलाके का दौरा किया था। उनके काफिले पर नांगल इलाके में पथराव कर दिया गया था। इससे पहले उनके काफिले को आगे बढऩे से रोकने के लिए खनन में लगे वाहनों को आड़ा-टेढ़ा खड़ा किया गया। सांसद ने कामां विधायक जाहिदा खान पर भी अवैध खनन को संरक्षण देने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि माफिया ने वैध खनन की आड़ में बड़े पैमाने पर अवैध खनन कर खनिज सम्पदा खोद डाली है। सांसद ने नियम विरुद्ध खनन कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने पर भी सवाल उठाए थे और इसे रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाने की बात कही थी। लेकिन उनके इन सब दावों को प्रशासन झुठलाने में लगा है। सांसद ने जो भी दावे किए उनमें से किसी दावे को अधिकारी मानने को तैयार नहीं। इसके लिए मौका स्थिति की रिपोर्ट तैयार कर एसएमई व जिला कलेक्टर को भेजे जाने का हवाला दिया जा रहा है।
वैध लीज में थी मशीनें, विस्फोटक सामग्री नहीं मिली
खनिज विभाग के एमई रामनिवास मंगल का कहना था कि मामले को लेकर उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जा रही है। रविवार रात को ही मौका मुआयना कर जो स्थिति सामने आई है, उसके हिसाब से चारों मशीनें वैध लीज में खड़ी मिली हैं। कोई विस्फोटक सामग्री भी नहीं मिली। जीपीएस के आधार पर जांच की गई, जिसमें 373/०7 लीज में चारों मशीनें मिली है। यह वैध लीज का हिस्सा है और एक ही व्यक्ति के नाम हैं। आवंटित लीजों के बीच में खाली पड़े पिटों में भी फिलहाल कोई ताजा खनन के निशान नहीं मिले हैं।
निष्पक्ष जांच हो तो खुल जाए अवैध खनन की कलई
नांगल जोन में वैध की आड़ में बड़े पैमाने पर अवैध खनन होता आ रहा है। सरकारी मशीनरी भले ही इस बात को स्वीकार न करें लेकिन आखिरी सच यही है कि यहां अवैध खनन वर्षों से चल रहा है। जिसमें कहीं न कहीं सरकारी सिस्टम भी लिप्त है। यदि इस पूरे इलाके में खनन की निष्पक्ष जांच कराई जाए तो अवैध खनन में मलाई मार रहे अफसरों का भी झूठ सामने आ जाए। पर्यावरण संरक्षण के नियमों को ताक पर रखकर पूरे इलाके को अदृश्य बीमारियों की तरफ झौंका जा रहा है। पूरा सिस्टम इस मामले में मूकदर्शक बना हुआ है। खनन एरिया में असुरक्षित खनन कार्य के कारण आए दिन होने वाली प्रवासी मजदूरों की मौत के मामले भी सौदेबाजी तक सिमट कर रह गई हैं। इंसानी जान की कीमत चंद नोट तक सीमित हो गई है। पुलिस भी माफिया के इशारे पर नाच रही है। खसरा नंबर 162 में वैध लीजों के बीच पड़े खाली पिटों की जांच कोई नहीं कराना चाहता। हर बार इस मामले को सरकारी लफ्फेबाजी से डायवर्ट कर दिया जाता है।
सांसद के रिर्पोट जॉच बाकी-
अवेध खनन देखने पहुची सांसद ने पहाड़ी मे दर्ज रिर्पोट में आडे तिरछे डम्फर लगाकर रास्ता रोकने व गांडी पर पत्थराव का आरोप लगाया है उस मामले की पुुलिस जॉच से खुलासा होगा।