समिति लड़ेगी आरपार की लड़ाई: जिंदल ईस्ट इंडिया कंपनी के तानाशाही के कारण नहीं मिल पा रहा पुर के लोगों को न्याय -अटारिया
भीलवाड़ा (राजस्थान/ बृजेश शर्मा) उपनगर पुर पुर संघर्ष सेवा समिति के अध्यक्ष छोटू लाल अटारिया ने बताया कि पुर के मकानों में धार्मिक स्थलों में जिंदल के विस्फोटों से आई दरारों के मामले में जिंदल प्रबंधक द्वारा तानाशाही व अराजकता तथा गरीबों पर जुल्म की नीतियों के तहत एनजीटी द्वारा दिए गए फैसले मे 372 मकानों को मुआवजे के तौर पर एक एक लाख रुपए देने का आदेश प्रदान किया गया था लेकिन जिंदल के भृष्ट अधिकारियों ने पुर की जनता के हक का रुपया नहीं दिया जाकर इस फैसले के विरोध में उच्च न्यायालय में अपील की गई वह पुर की जनता के हक को छीनने की कोशिश की जा रही है तथा हर नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है जिससे संघर्ष सेवा समिति वह पुर के सभी आम नागरिकों में आक्रोश व्याप्त है वह अब समिति द्वारा जिंदल के खिलाफ मोर्चा खोला जा कर आंदोलन किए जाएंगे इसकी चेतावनी प्रशासन वह जिंदल के अधिकारों को लिखित में दी जाएगी । और संघर्ष सेवा समिति के अध्यक्ष अटारिया ने पुर की जनता से आह्वान अनुरोध किया है कि सभी एकजुट होकर न्याय के लिए अंतिम क्षण तक लड़ाई लड़ने के लिए तत्पर रहें। उक्त निर्णय लेते समय संघर्ष समिति के संरक्षक सत्यनारायण मुछाल रोशन महात्मा, राधेश्याम बिश्नोई, संयोजक पुखराज सेठिया, उपाध्यक्ष राजेश कर्णावत महासचिव योगेश सोनी, महावीर, संगठन मंत्री रतनलाल आचार्य,प्रवक्ता नंद दास वैष्णव, पप्पू बिश्नोई, रफीक पठान सहित सभी पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित थे।