आरोपी से मिलकर किए जा रहे दूषित अनुसंधान की शिकायत पर कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक को दिए निष्पक्ष जांच के निर्देश
भीलवाड़ा (राजस्थान/ ललित) महज कुछ माह पूर्व सिटी कोतवाली थाना में दुकान को हड़पने के मामले में फर्जी एवं कूट रचित दस्तावेज को रचने की घटना घटित होने पर कोट के आदेश से आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। अनुसंधान के दौरान अनुसंधान अधिकारी सुरेन्द्र सिंह और पुलिस उप अधीक्षक शहर हंसराज बैरवा द्वारा पीड़ित के साथ अनुचित रुप से दबाव बना उसे डरा धमका कर फर्जी एंव कूट रचित दस्तावेजों पर हो रखे हस्ताक्षर का ही नमूना देने के लिए पीड़ित को विवश कर मामले में संलिप्त आरोपियों को अनुचित और अवांछित रूप से फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से दूषित अन्वेषण किए जाने का मामला सामने आया है। जिस पर पीड़ित ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी गण के समक्ष अन्वेषण अधिकारी के उक्त आचरण की शिकायत रखी लेकिन समुचित कार्रवाई नहीं होने से व्यथित होकर पीड़ित भरत कुमार सोडाणी ने अपने अधिवक्ता ललित कुमावत और मनीष नागोरी के माध्यम से कोर्ट के समक्ष उचित और निष्पक्ष अन्वेषण कराए जाने की याचिका पेश की जिसमें उनके अधिवक्ता की दलीलों पर अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 1 भीलवाड़ा की न्यायालय द्वारा मामले में गठित अपराध की जांच किए जाने के निर्देश पुलिस अधीक्षक भीलवाड़ा को दिए हैं और पुलिस अधीक्षक को सौंपी गई जांच में संबंधित पुलिस अधिकारी के अपराध में संलिप्त होने की दशा में उनके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई किए जाने के भी निर्देश जारी किए हैं।
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