इस वर्ष का अंतिम विवाह मुहूर्त 14 दिसम्बर को फिर 15 जनवरी से पुनः शुरू होंगे शुभकार्य, मल मास 16 से 1 महीना थम जाएंगे मांगलिक कार्य
आगामी 16 दिसम्बर से मल मास (खरमास) का महीना शुरू होने जा रहा हैं जिसके चलते सभी तरह के मांगलिक व शुभ कार्य एक माह तक के लिए थम जाएंगे।
ज्योतिष नगरी कारोई क्षेत्र स्थित भूणास गांव निवासी आचार्य योगेंद्र शर्मा जो कि वर्तमान में भीलवाड़ा स्थित श्री बाबा धाम के प्रधान पण्डित भी हैं ने बताया की मल मास के दौरान 14 जनवरी 2023 तक विवाह, सगाई, यज्ञ, गृह प्रवेश आदि कई शुभ कार्य टाले जाएंगे क्यों कि ऐसा माना जाता हैं कि इस माह में सूर्य की गति धीमी हो जाती हैं। जिसके कारण कोई भी शुभ कार्य सफल नहीं होते हैं। शास्त्रों में भी खरमास का महीना शुभ नहीं माना गया हैं। इस अवधि में मांगलिक कार्य करना प्रतिबंधित होता हैं। ज्योतिष शास्त्र और हिंदू धर्म में खरमास को बहुत ही अशुभ माना जाता हैं। दिसंबर में सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करेंगे जिसके चलते खरमास लग जाएगा। ऐसे में नए साल 2023 में सूर्य देव 14 जनवरी को धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे तब मकर संक्रांति पड़ेगी। ऐसे में 15 जनवरी से पुनः शादी-विवाह आदि सभी तरह के मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार खरमास पूजा-अर्चना, धर्म-कर्म के लिए बहुत ही शुभ माना गया है।
क्यों बंद होते हैं शुभ कार्य।
गुरु देव बृहस्पति धनु राशि के स्वामी हैं। बृहस्पति का अपनी ही राशि में प्रवेश इंसान के लिए अच्छा नहीं होता हैं। ऐसा होने पर लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर पड़ जाता हैं। इस राशि में सूर्य के कमजोर होने कारण इसे मल मास कहते हैं। आचार्य योगेंद्र के अनुसार साल में दिसम्बर के बाद मार्च माह में सूर्य मीन राशि में प्रवेश करने पर खरमास लगता हैं।
धनु संक्रांति का क्षण सुबह 10:11 बजे जब सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो उस दिन से लेकर मकर राशि में प्रवेश करने तक का समय खरमास होता हैं। आचार्य योगेंद्र ने बताया कि 16 दिसम्बर को सूर्य की धनु संक्रांति का क्षण सुबह 10:11 मिनट पर हैं। ऐसे में यदि कोई भी मांगलिक कार्य करना हैं तो उसे 15 दिसंबर तक मुहूर्त देखकर कर लेना चाहिए।