लाडो को घोड़ी पर बैठाकर दिया बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश
उदयपुरवाटी ( झुंझुनू ,राजस्थान /चौथमल शर्मा) गुढ़ागौड़जी कस्बे के निकटवर्ती गांव धमोरा में बेटी को घोड़ी पर बैठाकर बंदौरी निकाली गई। शेखावाटी में सोच बदल रही हैं। बेटियों को सम्मान अधिकार मिल रहे हैं। चाहे बेटियों के जन्म पर कुआं पूजन हो या फिर शादी में बेटियों की बिंदौर निकालना हो। दोनो की परंपराओं को समाज में पहले बेटो के लिए ही माना जाता था। लेकिन बेटियों को सम्मान अधिकार मिले, इसकी पहल शुरू हुई तथा इसके बाद से समाज को संदेश देने के लिए कई लोग आगे आने लगे। इसी तरह धमोरा गांव के जाखड़ मोड़, घोटू की ढाणी में भी विजेंद्र सिंह जाखड़ की घोड़ी पर बैठाकर विजया खरबास की बिंदौरी निकाली गई। विजया की 4 दिसंबर रविवार को शादी है। इस दौरान कहा की मुझे बहुत खुशी महशूस हो रही हैं। और आज के समय में बेटा बेटी एक समान है। विजया के भाई सत्यप्रकाश और मां किस्तुरी देवी ने कहा की आज के समय में बेटियां हर क्षेत्र में अपना व अपने परिवार का नाम रोशन कर रही हैं। और इस दौरान समाज में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश देते हुए विजया की घोड़ी पर बैठाकर बिंदौरी निकाली है। इस दौरान रामवतार, सुशील, नरेंद्र, रमेश बांगड़वा, कुलदीप, दीपक, तारामणि, सुमन, विनीता, सुमन देवी, सरोज सहित परिवारजन मौजूद थे।