नवनिर्मित जैन तीर्थधाम पर नौ दिवसीय अंजन शलाका महोत्सव का आज होगा आगाज: आचार्य भगवंतों का होगा मंगल प्रवेश - मंत्री प्रमोद जैन भाया का सपना होगा साकार
अंता (शफीक मंसूरी)
बारां नवनिर्मित श्री जय त्रिभुवन विमल विहार तीर्थधाम ग्राम बमूलिया के पावन प्रांगण में प्रकट प्रभावी श्री गुणवर्धन शंखेष्वर पाष्र्वनाथ भगवान के प्रभू प्रवेशोत्सव अंजन शलाका प्रतिष्ठा महोत्सव आचार्य भगवंतो के मंगल प्रवेश के साथ आज से प्रारम्भ होगा।
तीर्थ निर्माण समिति अध्यक्ष कल्पेष भाई वी.शाह एवं संयोजक प्रकाशन्द के.संघवी सिरोडीवाला, अहमदाबाद ने बताया कि आज उक्त कार्यक्रम के निमित्त प.पू.आ.दे.श्रीमद् विजय रत्नाकर सूरीष्वर जी महाराजा, साध्वीवर्या आदि ठाणा का आज बारां में मंगल प्रवेष हुआ। महाराजा साहब के पधारने पर उनकी अगुवानी की गई।
श्रीमती उर्मिला भाया ने बताया कि जयपुर से शिवपुरी के बीच में जैन समाज का ऐसा कोई तीर्थ रास्ता में नही आता है जहां पर जैन समाज के आचार्य भगवंत तथा समाज बंधु ठहर सके। इसी को मध्यनजर रखते हुए राज्य के खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद द्वारा संकल्प लिया गया था कि वह जैन समाज के साधु-संतो एवं समाज बंधुओं के लिए एक तीर्थस्थल का निर्माण करवाएंगे। आज मंत्री प्रमोद जैन भाया द्वारा लिए गए संकल्प के पूर्ण होने की मंगल घडी आ गई है तथा उनके द्वारा लिया गया संकल्प सफल होने जा रहा है।
जिला प्रमुख श्रीमती उर्मिला जैन भाया ने बताया कि इस कार्यक्रम के निमित्त श्री जय त्रिभुवन विमल विहार तीर्थधाम ग्राम बमूलिया के पावन प्रांगण में प्रकट प्रभावी श्री गुणवर्धन शंखेष्वर पाष्र्वनाथ भगवान के प्रभू प्रवेषोत्सव अंजन शलाका प्रतिष्ठा महोत्सव के निमित्त श्री जय त्रिभुवन विमल विहार तीर्थधाम पर बुधवार को प्रातः 6 बजे कलिकुंड तीर्थोद्वारक पू.आ.म श्रीमद् विजय राजेन्द्र सूरीष्वरजी महाराजा सुुल्तान तीर्थाद्वारक गच्छाधिपति प.पू.आ.दे. श्रीमद् विजय राजषेखर सूरीष्वर जी महाराजा, मरूधर रत्न प.पू.आ.दे.श्रीमद् विजय रत्नाकर सूरीष्वर जी महाराजा, परम पूज्य आचार्य देव श्री नवरत्न सागरसूरीष्वरजी महाराजा, आचार्य भगवंत मालव विभूशण अति प्राचीन श्री मक्षीजी तीर्थोद्वारक परम पूज्य आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय वीररत्न सूरीष्वर जी महाराजा, तपस्वी रत्न-गुरूकृपा प्राप्त परम पूज्य आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय पदमभूषण रत्नसूरीष्वर जी महाराजा एवं गुरूकृपा प्राप्त कार्यकुषल परम पूज्य आचार्यदेव श्रीमद् विजय निपुणरत्न सूरीष्वर जी महाराजा आदि श्रमण वृंद एवं सरल स्वभावी पूज्य साध्वीवर्या श्रीभक्तिरेखा श्रीजी म.सा. आदि ठाणा का मंगल प्रवेष होगा।
इनकी होगी प्रतिश्ठाः- श्रीमती उर्मिला भाया ने बताया कि नवनिर्मित जैन तीर्थ के त्रिषिखरी जिन प्रसाद में श्री गुणवर्धन शंखेष्वर पाष्र्वनाथ भगवान, श्री वासुपूज्य स्वामी, श्री विमलनाथ भगवान, श्री मुनि सुव्रत स्वामी भगवान, श्री शांतिनाथ भगवान, रंग मण्डप में श्री शुभस्वामी गणधर भगवान, श्री सिंमघर स्वामी भगवान, श्री आदिनाथ भगवान, श्री महावीर स्वामी भगवान, श्री संभवनाथ भगवान, श्री गौत्तम स्वामी गणधर भगवान तथा देवकुलिका में श्री घंटाकर्ण महावीर देव, श्री माणिभद्र देव, श्री नाकोडा भैरव देव, मां महालक्ष्मी देवीजी, मां पदमावती देवीजी, मां सरस्वती देवीजी की प्रतिष्ठाा पूर्ण विधि विधान से की जाएगी।