पूर्व विधायक को भगवा में रंगे देखकर शहर की जनता हुई कन्फ्यूज: कहा यह कौन है यूपी सीएम योगी या फिर सांसद बालकनाथ
जनता ने कहा,पूर्व विधायक सिंघल ने भगवा से कॉंग्रेस की इफ्तार पार्टी का निकाला तोड़
- अरे,या तो आपणो पूर्व विधायक सिंघल है
- सावण के पहले सोमवार को पूर्व विधायक बनवारी लाल सिंघल ने किया जलाभिषेक
अलवर (राजस्थान/राजीव श्रीवास्तव) भगवा में पूर्ण रूप से रंगे पूर्व शहर विधायक बनवारी लाल सिंघल अपने सैंकड़ों समर्थकों के साथ सावण के पहले सोमवार को शहर के त्रिपोलिया शिवालय पहुंचे और भगवान शंकर की पूजा अर्चना के साथ अभिषेक किया।उन्होंने देश के पीएम नरेंद्र मोदी की दीर्ध आयु के लिए कामना करते हुए भगवान शंकर से आगे भी पीएम मोदी को देश की सेवा करने का मौका देने के लिए प्रार्थना की।
इस दौरान पूर्व विधायक और हिन्दू नेता ने गहलोत सरकार को कुर्सी छोड़ देने की नसीहत देते हुए कहा, पीएम नरेंद्र मोदी के नो वर्ष के कार्यकाल में देश में अमन शांति बनी रही। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत का विश्व पटल पर एक तरफा बड़ा नाम हुआ है।यह पीएम मोदी की विदेश नीति ही है कि जिससे देश की अर्थ व्यवस्था पांचवें नंबर पर है।पीएम मोदी ने बिना भेदभाव के देश के एक सौ चालीस करोड़ लोगों को निशुल्क कोरोना वैक्सीन लगवाकर उनकी जान बचाई है।देश की अस्सी करोड़ जनता को कोरोना शुरू होने से लेकर आज तक राशन पहुंचाया जा रहा है।उन्होंने कहा कि अब सूबे की जनता झूठे आश्वासन देकर जनता को गुमराह करने वाली गहलोत सरकार को झेलने में असमर्थ है।मुख्यमंत्री गहलोत को जनता की भावनाओं की कद्र करते हुए कुर्सी छोड़ देनी चाहिए।इधर,अलवर शहर की जनता का कहना और मानना है कि पूर्व विधायक बनवारी लाल सिंघल ने देश के अल्पसंख्यक को लुभाने के लिए कांग्रेस की इफ्तार पार्टी का भगवा में रंग कर तोड़ निकाल कर बहुसंख्यकों को अपना बना लिया है।
शहर की जनता यूं पहचानी पूर्व विधायक सिंघल को- दरअसल आज सावण के पहले सोमवार को पूर्व विधायक बनवारी लाल सिंघल पूरी तरीके से भगवा में रंगे नजर आए।माथे पर भगवा साफी ,कुर्ता नजर आया।लोग कुछ देर कन्फ्यूज होकर समझ नहीं पाए कि त्रिपोलिया मन्दिर में आज भारी काफिले के साथ आखिर कौन पहुंचा है।कोई अलवर सांसद बालकनाथ कहता नजर आया तो कोई यूपी सीएम योगी कहते मिले,जब उन्होंने पूर्व विधायक बनवारी लाल सिंघल का गोर से चेहरा देखा और विशुद्ध हिंदी में पीएम मोदी के नो वर्ष के कार्यकाल की तारीफ के साथ गहलोत सरकार को कुर्सी छोड़ने की नसीहत देते नजर आए,तब जाकर उन्हें लगा कि यह व्यक्ति तो अलवर सांसद बालकनाथ या फिर सीएम यूपी योगी नहीं है बल्कि या तो आपणो पूर्व शहर विधायक सिंघल है।