घुमंतु समुदाय के लोग जो आज भी सड़क और खुले में रहने को मजबूर क्या यही आजादी का अमृत महोत्सव: क्यो नही होती सुनवाई- पारस
सरकारें कब तक लोगों से उनके छोटे छोटे कामों के लिए चक्कर लगवाएंगी- आदेश भाई परेशान
वंचितों के लिए बनाई जा रही योजनाओं का लाभ वंचितों को ही नहीं मिलता है लाभ अवधेश अवस्थी
दौसा (राजस्थान/ अवधेश अवस्थी) सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान द्वारा फिर से शुरू की गई द्वितीय जवाबदेही यात्रा आज दौसा जिला मुख्यालय पर पहुंची यहां पर यात्रा की ओर से दौसा के मुख्य बाजारों में रैली निकाली और लोगों की शिकायतें लिखीं। यात्रा की शुरुआत रैली से हुई और फिर यह जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर पहुंचकर सभा में बदल गई जहां पर कई लोगों ने संबोधित किया।
सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान से जुड़े पारस बंजारा ने कहा कि घुमंतु समुदाय के लोग जो आज भी सड़क और खुले में रहने को मजबूर हैं, उनकी सुनवाई क्यों नहीं होती है? केंद्र और राज्य सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है क्या यही आजादी का अमृत महोत्सव है।
इंदिरा विद्या मंदिर समिति महुआ के अवधेश अवस्थी ने कहा कि राजस्थान में साटीया बंजारा गाड़िया लोहार मदारी भांड वहरूपे सहित अनेकों जातियों के लोगों के साथ अन्य वंचित समुदाय आज भी मकानों रोजगार के अभाव में परेशान हो रहे हैं। वंचितों की सुनवाई आज भी इस सरकार में भी नहीं हो रही है। उनके लिए बनाई गई सरकारी योजनाओं का लाभ उन्हें नहीं मिलता है इसलिए इन गरीबों को इनका अधिकार मिलना चाहिए
एसआर अभियान से जुड़े आदेश भाई परेशान ने कहा कि सरकारें कब तक लोगों से उनके छोटे छोटे कामों के लिए चक्कर लगवाएंगी, राज्य सरकार को जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए तुरंत जवाबदेही कानून लाना चाहिए।
जिला कलेक्ट्रेट के बाहर लगाया शिकायत कैंप
जिला कलेक्ट्रेट दौसा के बाहर शिकायत के लिए कैंप लगाया जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोग आए और उन्होंने अपनी शिकायतें लिखाई। बड़ी संख्या में शिकायतें यहां पर घुमंतु समुदाय से प्राप्त हुई हैं। विशेष रूप से महुआ से सांठिया समुदाय और बांदीकुई से बहुरूपिया समुदाय के लोगों के अपनी शिकायतें दर्ज करवाई।
नेहरू पार्क से जिला कलेक्ट्रेट तक निकाली रैली:-
नेहरू बालोद्यान से रैली की शुरुआत की जो गांधी चौराहा, बस स्टैंड, कॉलेज के सामने से होते हुए जिला कलेक्टर कार्यलाय पहुंची जिसमें लोगों ने रैली में जवाबदेही कानून पास करो, सवाल है- सवाल है, जवाब दो- जवाब दो के नारे लगाये. पूरे दौसा शहर में जवाबदेही यात्रा को लेकर चर्चा शुरू हुई और लोगों ने अपना जबरदस्त समर्थन दिया।
यात्रा के स्वयंसेवकों ने बांटे पर्चे
जवाबदेही यात्रा से जुड़े स्वयंसेवक अक्षत, संजीदा, हर्ष अवस्थी हार्दिक, कपिल, सुंदर सिंह, शबनम बानो आदि ने कानून और जवाबदेही कानून किसलिए को लेकर पर्चे बांटे
रैली में मिला 920 रुपए का चंदा
यह आंदोलन लोगों के सहयोग और समर्थन से ही चल रहा है। इसमें लोगों से 2 रुपए से लेकर 100 रुपए तक का सहयोग लिया जा रहा है। रैली के दौरान स्वयंसेवक शक्ति सिंह और भागवंती ने चंदा इकट्ठा किया जो 920 रुपए था। लोगों का समर्थन ही इस आंदोलन की ताकत है।
दौसा कलेक्ट्रेट के बाहर यात्रा के स्वयंसेवकों ने लिखी शिकायतें
जवाबदेही यात्रा के शक्ति सिंह, नरपत, ठाकुर, रमेश, अवधेश अवस्थी हार्दिक, कपिल आदि ने लोगों की शिकायतें लिखीं जिन्हें मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री शिवचरण मीना को सौंपा गया और इन्हें जवाबदेही यात्रा के इवेंट में दर्ज कर कार्यवाही शुरू की जायेगी।
जिला प्रशासन के साथ हुई बैठक और विभिन्न शिकायतों पर प्रशासन की जवाबदेही पर बात हुई:
मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद, जिला शिक्षा अधिकारी, उपनिदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, श्रम विभाग सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।और अभियान की ओर से पारस बंजारा, कमल कुमार, मुकेश निर्वासित, आदेश भाई परेशान, इंदिरा विद्या मंदिर समिति महुआ के अवधेश कुमार अवस्थी भागचंद निकटपुरी, गोवर्धन बैरवा, बिंदु राव, फिरोज खान बहुरूपिया आदि ने मुद्दे रखे।
सबसे पहले प्रशासन गाँव और शहर के संग प्रकरणों की प्रगति, सिलिकोसिस, पालनहार, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, महात्मा गाँधी नरेगा में काम और रिजेक्ट पेमेंट, स्कूलों में खेल मैंदान और उन पर स्कूल का कब्ज़ा, स्कूलों और अस्पतालों में स्टाफ, शहरी रोज़गार गारंटी योजना, घुमंतुओं के लिए नए कार्यों और पट्टों सहित कई अन्य योजनाओं पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई। महुआ से आए सांखिया समुदाय के लोगों ने भी अपनी पीड़ा रखी जिस पर सकारात्मक कार्यवाही किए जाने का आश्वासन। दिया।
जिला प्रशासन ने दिया उचित कार्यवाही करने का आश्वासन:
मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री शिवचरण मीना की अध्यक्षता में बैठक हुई जिसमें, जिला परिषद, सामाजिक न्याय अधिकारिता, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित विभिन्न जिला स्तरीय अधिकारियों ने समस्याओं को सुना और सभी शिकायतों पर उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया.
रैली को किया संबोधित:-
आदेश भाई परेशान, भागचंद, गोवर्धन बैरवा, अवधेश अवस्थी, कमल कुमार, मुकेश निर्वासित, आशीष, पारस बंजारा, रेहाना बानो, संदीप, बिंदु राव, संजीदा आदि ने भी संबोधित किया।
कल जवाबदेही यात्रा अलवर जिले में:
कल जवाबदेही यात्रा अगले जिले के पड़ाव में अलवर जिले में रहेगी। यात्रा की ओर से अलवर शहर में रैली निकाली जाएगी और जिला कलेक्ट्रेट के बाहर शिकायत कैंप लगाया जाएगा तथा जिला प्रशासन के साथ बैठक की जाएगी।
क्या है जवाबदेही कानून और क्यों की जा रही है इसकी मांग
पिछले एक दशक से भी अधिक समय से जवाबदेही कानून की मांग राज्य में की जा रही है. गौरतलब है कि सूचना का अधिकार, महात्मा गाँधी नरेगा, सामाजिक अंकेक्षण जैसे कानून और प्रयासों के लिए राजस्थान से आन्दोलन की शुरुआत हुई और ये कानून बने और पूरे देश में फैले. जवाबदेही कानून आरटीआई पार्ट-2 है, जो पारदर्शिता से जवाबदेही की ओर ले जायेगा. ये कानून राज्य में लोकसेवकों की जनता के प्रति जवाबदेही स्थापित करेगा.
2018 में राजस्थान कांग्रेस कमेटी ने अपने घोषणा पत्र में यह वादा किया था कि वे जवाबदेही कानून लाएंगेI काँग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रशासनिक अधिकारी रामलुभाया के नेतृत्व में कानून का मसौदा बनाये जाने और अपने सिफारिश देने के लिए समिति बनाई, जिसने कानूनी मसोदा जनवरी 2020 में प्रस्तुत कर दिया थाI मुख्यमंत्री ने 2022-23 के बजट में पुनः जवाबदेही कानून लाने की घोषणा की है लेकिन आज दिन तक उस कानून के मसौदे को विधानसभा के पटल पर नहीं रखा गयाI
आपको ज्ञात है कि 33 जिलों में जा रही यात्रा का संयोजन सूचना एवं रोज़गार अधिकार अभियान राजस्थान ( एस आर अभियान) कर रहा है जो लगभग 80 सामाजिक आंदोलनों, अभियानों व संगठनों का सामूहिक मंच है I यह अभियान पिछले 17 वर्षों से जनता से जुड़े विभिन्न मुद्दे उठाता रहा है और उन पर जवाबदेही की मांग करता रहा है. आप सभी जानते हैं कि इसी वर्ष 5 जनवरी 2022 को कोविड के मामले बढ़ने की वजह से इस दूसरी जवाबदेही यात्रा को कोटा में स्थगित करना पड़ा था. पूर्व में की घोषणा के अनुरूप आज वापस यात्रा इसी कोटा शहर से शुरू हो रही है।
ज्ञात रहे कि 2015-16 में एस आर अभियान द्वारा राजस्थान के सभी 33 ज़िलों में 100 दिन की पहली जावाबदेही यात्रा निकाली गयी थी। यात्रा के दौरान अभियान द्वारा लगभग 10,000 शिकायतों का पंजीकरण किया गया जिन्हें राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर भी डाला गया था और उनके पीछा किया गया था। इसके बाद जयपुर में 22 दिन का जावाबदेही धरना लगाया गया और सरकार से तुरंत यह क़ानून पारित करने की माँग की गयी ताकि लाखों लोगों के मूलभूत अधिकारों के हो रहे उल्लंघन को रोका जा सके। इंदिरा विद्या मंदिर समिति महुआ के अवधेश अवस्थी शंकर सिंह, श्याम लाल, वकताराम, ऋचा औदिच्य, चन्द्रकला, रणछोड़ देवासी, भँवर मेघवंशी, नरसाराम, लाडूराम, लखमाराम, ताराचंद वर्मा, चेतनराम, रावतराम, मोहनराम, तोलाराम, अनीता सोनी, प्रेम कँवर डांगी, मनीषा, पप्पूराम, नौरतमल, कमल कुमार, पारस बंजारा, विनीत भाम्भू,आदेश भाई परेशान, भागचंद, मुकेश निर्वासित, मूलचंद तथा अभियान के अन्य सभी साथी